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Punjab News: पराली जलाने पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार सख्त, किसानों को जागरूक करने के लिए चलेगा अभियान

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्य के उपायुक्तों को पराली जलाने के मामलों में कमी लाने और किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए एक स्थायी अभियान चलाने को कहा है। साथ ही किसानों को पराली प्रबंधन मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 01 Oct 2024 02:33 PM (IST)
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पराली जलाने की घटनाओं को लेकर पंजाब सरकार सख्त हो गई है। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सरकार भी सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के उपायुक्तों को पराली जलाने के मामलों में कमी लाने और पराली प्रबंधन के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए एक स्थायी अभियान चलाए जाने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को फसल अवशेष निस्तारण की तैयारियों को लेकर जिलाधीशों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करने के लिए भी जोरदार अभियान चलाएं। साथ ही पराली प्रबंधन मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में भी अच्छी तरह से जानकारी दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को यह बताया जाना चाहिए कि कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से वे पराली प्रबंधन पर होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं। इससे पराली जलाने के खिलाफ लड़ाई को जनआंदोलन में बदलने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने पंचायतों और अन्य सामान्य स्थानों पर कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

मान ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन अभियान 2024-25 के तहत agrimachinerypb.com पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त करने के लिए इच्छुक किसानों से आवेदन आमंत्रित किए थे। 20 जून 2024 तक मशीनरी के लिए कुल 63,904 आवेदन प्राप्त हुए थे।

जिलों की मांग पर इस पोर्टल को 13 सितंबर से 19 सितंबर 2024 तक दोबारा खोला गया और 19 सितंबर तक इस पर कुल 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को 14 हजार मशीनें और जिलों में कस्टम हायरिंग सेंटरों को 1100 मशीनें देने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप भी लांच किया है, जिससे धान फसल सीजन-2024 से पहले किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें आसानी से मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि इस ऐप पर भी किसानों के लिए 1.30 लाख से अधिक सीआरएम मशीनों की मैपिंग की गई है।

मान ने कहा कि इस ऐप के साथ किसान अपने आसपास उपलब्ध कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) से आसानी से मशीनें बुक कर सकते हैं और अधिक सुविधा के लिए ग्राम स्तर के नोडल अधिकारी, क्लस्टर प्रमुख से भी संपर्क कर सकते हैं।

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