पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लिखा PM नरेंद्र मोदी को पत्र, कहा- जल्द खुले करतारपुर कारिडोर
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर करतारपुर कारिडोर खोलने की मांग की है। कहा कोरोना के मामलों में गिरावट आई है। ऐसे में सिख संगत की मांग को देखते हुए पीएम मोदी इस पर फैसला लें।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से अपील की है कि कोविड-19 की स्थिति में आए सुधार के बाद अब करतारपुर कारिडोर (Kartarpur Corridor) को दोबारा खोल दिया जाए, ताकि संगत पाकिस्तान में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब के दर्शन-दीदार कर सके।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन ने कहा है कि पंजाब सरकार को करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं की टेस्टिंग और टीकाकरण सहित कोविड-19 के प्रोटोकाल के पालन को यकीनी बनाने में भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने में खुशी होगी। कैप्टन ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण मार्च, 2020 में कारिडोर बंद कर दिया गया था। पंजाब में पिछले एक महीने से कोविड-19 की स्थिति में काफी सुधार हुआ हैै। कैप्टन ने इस बात को लेकर खुशी भी जताई कि एक साल के समय के बाद मंगलवार को राज्य में कोविड-19 के कारण एक भी मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बदले हुए हालात में संगत ने करतारपुर साहिब में गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शनों की इच्छा फिर से जाहिर की है।
कैप्टन ने आगे कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि नवंबर, 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर कारिडोर खोला गया था। इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही दूरी पर पाकिस्तान में स्थित करतारपुर में ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब के खुले दर्शन दीदार की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी करने में मदद मिली थी।
बता दें, कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के बाद संगत लगातार करतारपुर कारिडोर खोलने की मांग कर रही है। गत दिवस जालंधर के सिख संगठनों ने करतारपुर कारिडोर खोलने में सरकार द्वारा देरी करने के आरोप भी लगाए थे। इसके अलावा अन्य जिलों में भी करतारपुर कारिडोर खोलने की मांग कर रही है। संगत का कहना है कि अब हालात सामान्य हो चुके हैं, जिसके चलते सभी धार्मिक स्थान भी खोले जा चुके हैं। इसके बावजूद करतारपुर कारिडोर खोलने में देरी करना सिखों की भावनाओं को आहत करने के समान है।