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पीएम मोदी से मिले पंजाब सीएम कैप्‍टन अमरिंदर, कहा- तुरंत हस्‍तक्षेप कर किसानों का आंदोलन खत्‍म कराएं

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान कैप्‍टन ने पीएम के समक्ष केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के करीब आठ माह से चल रहे आंदोलन का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने पीएम से अपील की कि तुरंत हस्‍तक्षेप कर आंदोलन खत्‍म कराएं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 07:36 PM (IST)
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पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने दिल्‍ली में आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। कैप्‍टन अमरिंदर ने इस दौरान पीएम के समक्ष केंद्रीय कृषि कानूनाें के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह तुरंत इस मामले में हस्‍तक्षेप करें और आंदोलन का समाप्‍त कराएं। बताया जाता है कि उन्‍होंने प्रधानमंत्री को राज्‍य की स्थिति और पाकिस्‍तान की ओर से पंजाब को बढ़ रहे खतरे के बारे में भी अवगत कराया।

कहा- केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने और इसमें संशोधन के लिए तुरंत कदम उठाएं पीएम

पंजाब सरकार के कार्यालय के अनुसार, मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से अपील की, कि वह केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने और इनमें आवश्‍यक संशोधन करने के लिए तुरंत कदम उठाएं। इसके तहत किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता के पात्र श्रेणी में शामिल किया जाए।

बैठक के दौरान कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों का आंदोलन जारी रहने से इसका पंजाब आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है और राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था दुष्‍प्रभाव हो रहा है। इसके साथ ही इसका राज्‍य में सामाजिक तानेबाने पर भी असर हो रहा है।

पराली प्रबंधन के लिए 100 रुपये क्विंटल मुआवजा देने की मांग को दोहराया

मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री के साथ मुलाकात की और उनको दो अलग -अलग पत्र भी सौंपे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों के कारण पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों में बड़े स्तर पर गुस्सा पाया जा रहा है। इस संघर्ष का पंजाब और मुल्क के लिए सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा खड़ा होने की संभावना है क्योंकि पाकिस्तान की शह प्राप्त भारत विरोधी ताकतें सरकार के प्रति किसानों की नाराजगी का नाजायज लाभ उठाने की ताक में हैं। इस मुद्दे का स्थायी हल ढूंढने के लिए प्रधानमंत्री को दखल देने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय चल रहा किसान आंदोलन न सिर्फ़ पंजाब में आर्थिक सरगर्मियों को प्रभावित कर रहा है।

कैप्टन कहा कि उन्होंने इससे पहले भी उनसे पंजाब से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग करने के लिए समय देने की मांग की थी। उन्होंने धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल मुआवज़ा देने और डीएपी की कमी के अंदेशों का हल करने की भी मांग की। उन्‍होंने कहा कि खाद की कमी से किसानों की समस्याएं और खेती कानूनों के कारण पैदा हुआ संकट और गहरा हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज़मीनें बांटे जाने और पट्टे पर ज़मीन लेने वालों और मार्केट ऑपरेटरों और एजेंटों के साथ लगातार विवाद के कारण किसानों को इन दिनों अदालती मामलों का सामना करना पड़ रहा है। इससे उनके पहले ही थोड़े वित्तीय साधनों पर और बोझ पड़ता है। ऐसे अदालती मामलों से किसानों पर पड़ते वित्तीय बोझ को घटाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी का इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि केंद्रीय कानूनी सेवाएं अथॉरिटीज़ एक्ट-1987 में कुछ ख़ास श्रेणियों के उन व्यक्तियों को मुफ़्त कानूनी सहायता देने का उपबंध है जो कि समाज के कमज़ोर वर्ग समझे जाते हैं। किसानों को भी इन्हीं में से ही एक समझते हुए कहा कि किसानों को कई बार वित्तीय समस्याओं के कारण आत्म-हत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इसलिए यह समय की जरूरत है कि कानूनी सेवाएं अथॉरिटीज़ एक्ट-1987 के सैक्शन 12 में संशोधन करते हुए इसमें किसानों और खेती कामगारों को भी शामिल किया जाए। इससे वह मुफ़्त कानूनी सेवाएं हासिल करने के हकदार बन कर अपनी रोज़ी -रोटी बचाने के लिए अदालतों में अपना बचाव कर सकेंगे।

बता दें कि इससे पहले कैप्‍टन अमरिंदर सिंह मंगलवार काे नई दिल्‍ली पहुंचे थे। उन्‍होंने कांग्रेस की अंतरिम राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। अमित शाह से मुलाकात के दौरान कैप्टन ने मांग की कि पंजाब को केंद्रीय हथियारबंद पुलिस बलों की 25 कंपनियां और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को ड्रोन नष्ट करने वाले उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं।

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