कैबिनेट में फेरबदल के बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय में बड़े बदलाव की तैयारी, अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में बढ़ाई सक्रियता
पंजाब में कैबिनेट फेरबदल के बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय में बड़े बदलाव की तैयारी है। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में सक्रियता बढ़ा दी है। चार मंत्रियों के इस्तीफे और पांच नए मंत्रियों की नियुक्ति के बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय में बदलाव की चर्चा है। पार्टी हाईकमान ने संकेत दिया है मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को लेकर बदलाव हो सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पंजाब में राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने पंजाब के राजनीतिक मामलों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
जिसके बाद चार मंत्रियों का इस्तीफा हुआ और पांच नए मंत्री बनाए गए। वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीमार होने के बाद पार्टी में लगातार यह बात भी उठ रही थी कि कोई बड़ा बदलाव होने जा रहा है। हालांकि, पार्टी हाईकमान ने स्पष्ट संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि बदलाव मुख्यमंत्री को लेकर नहीं बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय में हो सकता है।
हाल ही में पंजाब कैबिनेट में हुआ था फेरबदल
300 यूनिट प्रति माह फ्री बिजली, 872 आम आदमी क्लीनिक जैसे महत्वाकांक्षी कदम उठाने के बावजूद पंजाब सरकार लोगों में लोकप्रिय साबित नहीं हो पा रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी मात्र 3 सीटें ही जीत सकी। जिसे लेकर पार्टी चिंतित है। आम आदमी पार्टी हरियाणा में तो चुनाव लड़ रही है, साथ ही अगले साल उन्हें दिल्ली में भी चुनाव लड़ना है।यह भी पढ़ें- गजब! बंद पड़ी फैक्ट्री को पॉवरकाम ने भेजा 55 हजार का बिजली बिल; देखते ही मालिक के उड़े होश
जिसे देखते हुए आम आदमी पार्टी पंजाब की सरकार से भी बड़ी लोकप्रियता की उम्मीद कर रही है। इसीलिए केजरीवाल ने अब पंजाब के मामलों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। जिसके बाद ही पंजाब कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया गया।
जिसे देखते हुए आम आदमी पार्टी पंजाब की सरकार से भी बड़ी लोकप्रियता की उम्मीद कर रही है। इसीलिए केजरीवाल ने अब पंजाब के मामलों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। जिसके बाद ही पंजाब कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया गया।
आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के भी हुए फेरबदल
जिन मंत्रियों पर निष्क्रियता या भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे, उनके इस्तीफे ले लिए गए और उनके स्थान पर पांच नए मंत्री बनाए गए। राज्य स्तर पर आईएएस, आईपीएस और पीसीएस स्तर पर भी भारी फेरबदल किया गया।मुख्यमंत्री के ओएसडी ओंकार सिंह के बाद सुखबीर सिंह का भी इस्तीफा ले लिया गया। सुखबीर मुख्यमंत्री के तीसरे ओएसडी थे, जिन्हें जिम्मेदारी से मुक्त किया गया। ओंकार सिंह तो संगरूर में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर का कामकाज देखते थे। जबकि इससे पहले मंजीत सिद्धू का इस्तीफा लिया गया था।
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