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Punjab Crime: फिरोजपुर जेल में चल रहा 'गोरख धंधा', अफसरों ने कैदियों को बेचा 2 करोड़ का नशा; 11 अधिकारी गिरफ्तार

Punjab Crime पाकिस्तान सीमा से सटी फिरोजपुर केंद्रीय जेल से चार वर्ष में दो अलग अलग समयावधि में मोबाइल से 43 हजार मोबाइल करने के मामले में नवगठित स्पेशल इंवेस्टिगेश्न टीम (एसआईटी) ने सात सेवारत और चार सेवानिवृत अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच अधिकारियों का कहना है कि जेल विभाग के उक्त अधिकारियों ने लंबा समय एक ही जेल में निकाला है।

By Rohit Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 03 Jan 2024 05:37 PM (IST)
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Punjab Crime: आरोपितों ने कैदियों को नशा, हेरोइन और अफीम की सप्लाई और खपत में भी सहायता की।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पाकिस्तान सीमा से सटी फिरोजपुर केंद्रीय जेल से चार वर्ष में दो अलग अलग समयावधि में मोबाइल से 43 हजार मोबाइल करने के मामले में नवगठित स्पेशल इंवेस्टिगेश्न टीम (एसआईटी) ने सात सेवारत और चार सेवानिवृत अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार एसआइटी ने जांच में पाया कि मामले में गिरफ्तार किए गए जेल अधिकारियों ने जेल परिसर के अंदर मोबाइल फोन का उपयोग करने में कैदियों की मदद की। कैदियों के पास से मोबाइल फोन बरामद हुए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपितों ने कैदियों को नशा, हेरोइन और अफीम की सप्लाई और खपत में भी सहायता की।

जेल के अंदर से की गई 2 करोड़ की नशे की बिक्री की आय का भुगतान यूपीआई के जरिए मामले में आरोपित नीरू और गीतांजलि के खातों में किया गया था। पंजाब के काउंटर इंटेलिजेंस एआईजी जे एलानचेझियन के नेतृत्व में मामले की आगे की जांच के लिए फिरोजपुर में डेरा डाल रही है। विशेष डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आरएन ढोके ने कहा कि मामले में तेजी से जांच चल रही है। उन्होंने कहा जांच के दौरान किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो। जांच अधिकारियों का कहना है कि जेल विभाग के उक्त अधिकारियों ने लंबा समय एक ही जेल में निकाला है।

ऐसे हुआ था मामला का खुलासा

जेल से 1 मार्च 2019 से 31 मार्च 2019 तक 31 दिन में 38 हजार फोन काल की गई। यदि इसे घंटों में बदला जाए तो प्रति घंटे लगभग 52 काल हुई जबकि 9 अक्टूबर 2021 से फरवरी 2023 तक पांच हजार फोन काल की गई। मामले का खुलासा एआईजी लखबीर सिंह के नेतृत्व में फाजिल्का के स्पेशल सर्विसेज ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने किया था, जिन्हें जांच में देरी के लिए निलंबित कर दिया गया था। मामले में पहली एफआईआर 28 मार्च को तीन ड्रग तस्करों राज कुमार (राजा), सोनू और अमरीक के खिलाफ दर्ज की गई थी।

तीनों ने जेल से मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया और उनके फोन से कुल 43,432 फोन काल किए गए। इनमें से, केवल एक महीने (मार्च, 2019) की अवधि में राज कुमार के फोन से 38,850 काल किए। काल की संख्या के बारे में हलफनामा एडीजीपी, जेल की ओर से एक मामले में दायर किया गया था जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। स्टेट स्पेशल आपरेशन सेल ने मामले की जांच की लेकिन जांच रिपोर्ट में इस जिक्र नहीं किया कि काल किसने किसको की। इस मामले में बीते माह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फटकार लगाई। जिसके बाद पुलिस ने मामले में एसआईटी का गठन किया गया था।

यह है पकड़े गए आरोपित

गिरफ्तार जेल अधिकारियों की पहचान फरीदकोट जेल के सहायक अधीक्षक गुरतेज सिंह, मालेरकोटला जेल के वार्डन नछत्तर सिंह के तौर पर हुई है। इसके अलावा जेल वार्डन नायब सिंह, सहायक अधीक्षक निरपाल सिंह, सहायक अधीक्षक कश्मीर चंद, हेड वार्डन सुरजीत सिंह और हेड वार्डन बलकार सिंह शामिल हैं। मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपित गुरविंदर सिंह उर्फ सिलेंडर और गौरव उर्फ गोरा हैं, जो पहले मामले में नामजद थे।

दोनों के बयानों के आधार पर, इंद्रजीत उर्फ इंद्री और राज कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान, चार आरोपितों फिरोजपुर के पल्ला मेगा निवासी राज कुमार, सोनू उर्फ टिड्डी, नीरू बाला और अमरीक सिंह को पिछले दिनों मामले की जांच के लिए गठित नई एसआईटी ने गिरफ्तार किया गया था। जेल के बाहर से और जेल अधिकारियों की मिलीभगत से फिरोजपुर जेल के अंदर नशीली दवाएं बेचने के आरोप में राज कुमार, सोनू, नीरू, गीतांजलि और अमरीक सहित पांच लोगों के खिलाफ एसएसओसी पुलिस स्टेशन, फाजिल्का में मामला दर्ज किया गया था।

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