Punjab Crime: भांजे से कुकर्म के दोषी पर रहम से हाईकोर्ट का इनकार, सजा रखी बरकरार
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भांजे से कुकर्म के आरोपी मामा की सजा के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए किसी भी प्रकार के रहम से इन्कार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मामा के नाते भांजे की रक्षा करने की उसकी दोहरी जिम्मेदारी बनती थी लेकिन वह हैवान बन गया। आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 सहित अन्य धाराओं में अप्रैल 2017 में एफआईआर दर्ज की गई थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) ने भांजे से रेप के आरोपी मामा की सजा के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए किसी भी प्रकार के रहम से इन्कार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मामा के नाते भांजे की रक्षा करने की उसकी दोहरी जिम्मेदारी बनती थी लेकिन वह हैवान बन गया।
2017 में दर्ज किया गया था मामला
याचिका दाखिल करते हुए गुरदासपुर निवासी ने हाईकोर्ट को बताया कि उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 377 सहित अन्य धाराओं में अप्रैल 2017 में एफआईआर दर्ज की गई थी। याची पर आरोप है कि उसने अपने भांजे के साथ कुकर्म किया है जो गलत है। याची का पीड़ित के पिता के साथ पैसों को लेकर विवाद था जिसके चलते यह झूठा मामला दर्ज करवाया गया है। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में उसे 10 साल की सजा सुनाई है जो गलत है और इस आदेश को खारिज किया जाना चाहिए।
याची के पास ठोस सबूत नहीं
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में अपील को सिरे से खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मेडिकल एविडेंस और परिस्थितियों को देखते हुए याची का दावा सही प्रतीत नहीं हो रहा है। इस मामले में आरोपी और पीड़ित दोनों बिलकुल करीबी रिश्तेदार थे। पैसों का विवाद होने की दलील के समर्थन में याची के पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट ने सजा बरकरार रखते हुए अपील को खारिज कर दिया।