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भ्रष्टाचार मामले में घिरे पंजाब के DIG जेल लखविंदर सिंह जाखड़ ने दिया किसानों के समर्थन में इस्तीफा

पंजाब की डीआइजी जेल लखविंदर सिंह जाखड़ ने किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे की पुष्टि एडीजीपी जेल ने की है। वह कुछ दिन पहले सस्पेंड हुुुए थे। हालांकि अब वह बहाल हो चुके थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 07:33 PM (IST)
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पंजाब के डीआइजी (जेल) लखविंदर सिंह जाखढ़। (फाइल फोटो)
जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में पंजाब के डीआइजी जेल लखविंदर सिंह जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लखविंदर सिंह जाखड़ भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड चल रहे थे। हालांकि अब वह बहाल हो चुके थे। उनके इस्तीफे की पुष्टि एडीजीपी जेल पीके सिन्हा ने की है। जाखड़ को 31 अगस्त 2022 को सेवानिवृत्त होना था।

प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को भेजे गए इस्तीफे में जाखड़ ने लिखा है कि वह कृषि सुधार बिलों के विरोध में अपना इस्तीफा दे रहे है। वहीं, विभाग अब इस बात की पड़ताल करने में जुट गया है कि चूंकि उन पर भ्रष्टाचार मामले में जांच चल रही है, ऐसे में क्या वह प्री रिटायरमेंट ले सकते है या नहीं। वहीं, एडीजीपी जेल पीके सिन्हा ने जाखड़ द्वारा इस्तीफा देने की पुष्टि की है।

आरोप है कि जब पंजाब में कोरोना पीक पर था तब जाखड़ ने सब जेल पट्टी के सुपरिंटेंडेंट से घूस ली थी। जिसके बाद विभाग ने इसकी जांच आइजी रूप कुमार से भी करवाई थी। जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई। इस दौरान जाखड़ को 8 मई को सस्पेंड कर दिया गया था। डीआइजी जेल को 7 अक्टूबर को बगैर डिपार्टमेंट जांच की रिपोर्ट आए हुए बहाल कर दिया गया था।

वहीं, जाखड़ के खिलाफ हाईकोर्ट में गलत तथ्यों वाला हलफिया बयान देने के मामले में भी एक विभागीय जांच चल रही है। विभाग के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैंं कि भ्रष्टाचार मामले में संलिप्त रहे लखविंदर सिंह जाखड़ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होनी तय थी। माना जा रहा है कि विभागीय कार्रवाई से पहले ही जाखड़ ने किसानों के हित में प्रि-रिटायरमेंट की अर्जी डाल दी है।

सूत्रों के मुताबिक अगर किसी के ऊपर भ्रष्टाचार की जांच चल रही हो तो वह प्री रिटायरमेंट नहीं ले सकता है। हालांकि पीके सिन्हा का इस संबंध में कहना है, यह प्रशासनिक स्तर का फैसला है। इसमें यह देखा जाएगा कि रूल क्या कहते हैंं। चूंकि जाखड़ ने 12 दिसंबर को ही इस्तीफा दिया है। अतः अभी वह कुछ नहीं कर सकते है।

वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वर्तमान हालात में जाखड़ खुद को किसानों के हित में शहीद करना चाहते हैंं, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैंं और आइजी की जांच में भी यह बाते सामने आई है। ऐसे में विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए डीआइजी जेल ने इस्तीफा दिया है। जाखड़ के इस्तीफे पर सोमवार को पड़ताल होगी कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है या नहीं। बता दें कि जाखड़ ने 1994 में बतौर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ज्वाइन किया था।

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