Budget 2021: बजट में घोषित 7 टेक्सटाइल पार्क में से एक पंजाब को मिलने की उम्मीद
Budget 2021 केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में सात टेक्सटाइल पार्क बनाने का एलान किया है।इसके लिए 1000 एकड़ जमीन फ्रेट कारिडोर व लेबर कानून में बदलाव चाहिए। तीनोंं शर्तों को पंजाब पूरी करता है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 07:46 PM (IST)
चंडीगढ़ [इंद्रप्रीत सिंह]। Budget 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशभर में सात टेक्सटाइल पार्क बनाने का एलान किया है। उसमें से एक पंजाब को मिलने की उम्मीद है। पंजाब इसकी लंबे समय से मांग भी कर रहा है। कई नामी कंपनियों ने लुधियाना, बठिंडा और बरनाला आदि में अपनी फैक्ट्रियां लगा रखी हैं, लेकिन भारत सरकार एक हजार एकड़ में एक प्रतिबद्ध टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना पर काम कर रही है।
टेक्सटाइल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यही एक सेक्टर है जहां पर सबसे ज्यादा रोजगार के मौके उपलब्ध हो सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पंजाब में बठिंडा, मानसा, मुक्तसर और फरीदकोट आदि जिले अपने कपास के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं और चूंकि यहां पर ज्यादा इंडस्ट्री नहीं है, इसलिए कपास का उचित मूल्य न मिलने के कारण धीरे-धीरे किसानों ने कपास की जगह अब धान उगानी शुरू कर दी है। पंजाब सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि काटन के अधीन रकबे को बढ़ाया जाए, लेकिन वह तब बढ़ेगा अगर यहां बड़े स्तर पर टेक्सटाइल की कंपनियां आएंगी।
टेक्सटाइल पार्क बनाने के लिए अभी दिशा निर्देश फाइनल नहीं किए हैं, लेकिन इस बात पर विचार किया जा रहा है कि जो भी राज्य पोर्ट या फ्रेट कारिडोर के करीब होगा। उस संबंधित राज्य ने श्रम कानूनों में केंद्र सरकार के अनुरूप बदलाव किए होंगे और कच्चा माल उपलब्ध होगा, वहां यह पार्क स्थापित किया जाएगा। यह तीनों शर्तें पंजाब पूरी करता है।
पंजाब सरकार ने हाल ही में श्रम कानूनों में बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं। पंजाब में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर आकर खत्म होना है जिसके लिए लंबे समय से यह मांग हो रही है कि इसे अमृतसर तक बढ़ाया जाए, ताकि मिडल ईस्ट के देशों में सामान भिजवाया जा सके। फिलहाल यह लुधियाना तक बन रहा है और पश्चिम बंगाल तक जाएगा। इसके अलावा फोर लेन रोड, बिजली की सुविधा और सिंगल विंडो सिस्टम भी पंजाब में उपलब्ध है। कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पंजाब के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
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