पंजाब के वित्तमंत्री ने राज्यपाल को कानूनी सलाहकार बदलने की दी सलाह, SYL मुद्दे पर भी दी सलाह
राज्य के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्यपाल की ओर से जून महीने में बुलाई गई विधानसभा की बैठक पर कहा है कि राज्यपाल को अपने कानूनी सलाहकार बदल लेने चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि जून महीने वाला सत्र भी संवैधानिक था और संसदीय परंपराओं पर आधारित था। अक्टूबर महीने में बुलाया जाने वाला सत्र भी कानूनी ही है।
By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 14 Oct 2023 04:38 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा (Finance Minister Harpal Singh Cheema) ने राज्यपाल की ओर से जून महीने में बुलाई गई विधानसभा की बैठक और 20 अक्टूबर को बुलाए जाने वाले सत्र को गैर कानूनी बताने पर कहा है कि राज्यपाल को अपने कानूनी सलाहकार बदल लेने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जून महीने वाला सत्र भी संवैधानिक था और संसदीय परंपराओं पर आधारित था। अक्टूबर महीने में बुलाया जाने वाला सत्र भी कानूनी है। उन्होंने बताया कि इस सत्र में पंजाब और देश के लोगों के लिए कानून बनाए जाने हैं और राज्यपाल को इन्हें मंजूर करके केंद्र सरकार को भेजना चाहिए।
वित्तमंत्री ने मीडिया कर्मी को किया संबोधित
वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा कैबिनेट की मीटिंग के बाद मीडिया कर्मियों को संबोधित कर रहे थे और एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक उनके पास जून महीने में पारित बिल राज्यपाल के हस्ताक्षर होकर वापिस नहीं आए हैं।उन्होंने राज्यपाल के पत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विधानसभा किस लिए हैं और यहां राज्य व देश की वेल्फेयर के लिए कानून बनते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए अगर केंद्रीय टीम आई तो उसे आने नहीं दिया जाएगा। अकाली दल बहस में हिस्सा लेने से भाग रहे हैं।
एसवाईएल के लिए सर्वे टीम को आने नहीं दिया जाएगा- हरपाल चीमा
सुप्रीम कोर्ट की ओर से सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL Canal) बनाने के लिए जमीन की स्थिति का सर्वे करने के लिए केंद्र सरकार को जो आदेश दिए गए हैं। इसक के बीच वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा और नवीनीकरण ऊर्जा विभाग के मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि केंद्रीय सर्वे टीम को पंजाब में घुसने नहीं दिया जाएगा। दोनों मंत्रियों के इस बयान के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच में एसवाईएल को लेकर बयानबाजी तीखी हो सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि जमीन का सर्वे करवाया जाए क्योंकि पंजाब में इस नहर की जमीन को पूर्व अकाली भाजपा सरकार ने डीनोटिफाई करके इसे किसानों को लौटा दिया था। किसानों ने जमीन पर कब्जा करने के लिए नहर को कई जगह पर तोड़कर इसे भरने की कोशिश की तो लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर जब हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा बात कर रहे थे तो एक सवाल के जवाब में चीमा ने कहा कि अभी तक केंद्रीय सर्वे टीम के एक नवंबर को आने कोई उनके पास कोई अधिकारिक सूचना नहीं है।
उन्होंने कहा यदि टीम ने आने की कोशिश की तो उन्हें आने नहीं दिया जाएगा। अमन अरोड़ा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि एक नवंबर को जिस दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लुधियाना में पंजाब के मुद्दों पर बहस रखी है उस दिन टीम आ रही है। उन्होंने कहा कि संभव है कि अकाली नेता दिल्ली जाकर उन्हें यह कह दें कि वे सर्वे के लिए चले जाएं। लेकिन अगर टीम आई तो उन्हें आने नहीं दिया जाएगा।
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