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बलवंत सिंह राजोआना को हाई कोर्ट ने दी पैरोल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में था शामिल

Punjab News पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Beant Singh Assassin) की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना को पैरोल मिल गई है। राजोआना को 2009 में मौत की सजा सुनाई गई थी। वह पंजाब पुलिस का एक पूर्व कॉन्स्टेबल था। इस हत्याकांड में 17 लोग मारे गए थे। उसे तीन घंटे के लिए भाई के भोज में शामिल होने के लिए पैरोल मिली है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 19 Nov 2024 03:31 PM (IST)
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Punjab News: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में था शामिल
राज्य ब्यूरो, जागरण। चंडीगढ़ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह राजोआना (Balwant Singh Rajoana) को अपने भाई के भोग में शामिल होने के लिए बुधवार को तीन घंटे की पैरोल दी है।

हाई कोर्ट के जस्टिस जी.एस गिल ने राजोआना की याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किए। अपनी याचिका में राजोआना ने बताया कि उसके भाई कुलवंत सिंह राजोआना की 14 नवंबर को मृत्यु हो चुकी है, 20 नवंबर को लुधियाना के राजोआना कलां गांव के मंजी साहिब गुरुद्वारे में है उसका भोग है और वह उसमें शामिल होना चाहता है।

इससे पहले उसने पहले पटियाला जेल जहां वह कैद है, उसके जेल सुपरिटेंडेंट को पैरोल दिए जाने की अर्जी दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया। लिहाजा राजोआना ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसे अस्थाई पैरोल दिए जाने की मांग की है ताकि वह अपने भाई के भोग में जो 20 नवंबर बुधवार को है, उसमें शामिल हो सकें।

कोर्ट को बताया गया कि वह 12 नवम्बर तक 28 साल नौ महीने व चौदह दिन की कस्टडी में है। 31 जुलाई, 2007 को चंडीगढ़ की अदालत ने उसे मृत्युदंड की सजा दी थी।

पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या में था शामिल

31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए विस्फोट में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Punjab CM Beant Singh Murder Case) और 16 अन्य की मौत हो गई थी। इस मामले में बलवंत सिंह राजोआना को जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। दोषी राजोआना की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने भी बहाल रखा था।

बलवंत सिंह राजोआना ने एक बार फिर फांसी की सजा माफ करने और रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिस पर बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव को आदेश जारी किए थे।

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राजोआना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दया याचिका निपटाने में देरी का आरोप लगाते हुए मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कराने और रिहाई का आदेश देने की मांग की।

बता दें कि इससे पहले जनवरी 2022 में हाई कोर्ट ने उनके पिता की मृत्यु के बाद भोग और अंतिम अरदास में पुलिस कस्टडी में शामिल होने की इजाजत दी थी।

इसी आधार पर राजोआना ने अब दोबारा अपने भाई के भोग और अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए अस्थाई पैरोल दिए जाने की मांग की है। इस दौरान पंजाब सरकार को सुरक्षा का पूरा इंतजाम करने के हाई कोर्ट ने आदेश भी दिए है।

सचिवालय से बाहर आ रहे थे बेअंत सिंह

पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में सचिवालय के बाहर की गई थी। उस दौरान बेअंत सिंह सचिवालय से निकलकर जैसे ही कार में बैठने वाले थे तभी वहां मौजूद पंजाब पुलिस के जवान दिलावर सिंह बब्बर ने बम बिस्फोट कर दिया।

इस विस्फोट में बेअंत सिंह सहित 17 लोग मारे गए। बलवंत सिंह राजोआना को साल 2007 में हत्या में शामिल होने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। राजोआना पंजाब पुलिस का एक पूर्व कॉन्स्टेबल था।

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