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पंजाब में लोगों को मिल रही फ्री बिजली पर ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने उठाए सवाल, कहा- पहले पावरकॉम को दें सब्सिडी

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने पंजाब सरकार से कहा कि मुफ्त बिजली देना चाहती है तो पावरकॉम को समय पर सब्सिडी दे। बैठक में शानन प्रोजेक्ट और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का मुद्दा भी उठा। पंजाब ने मांग की कि यह प्रोजेक्ट 99 साल के लिए लीज पर दिया गया था और अब इसे पंजाब को सौंप दिया जाना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 09 Nov 2024 12:40 PM (IST)
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मुफ्त बिजली देनी है तो समय पर सब्सिडी दे पंजाब: मनोहर लाल (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्रीय ऊर्जा व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने पंजाब सरकार से कहा है कि अगर वह घरेलू सेक्टर को तीन सौ यूनिट नि:शुल्क बिजली और किसानों को खेती के लिए नि:शुल्क बिजली देना चाहती है तो पावरकाम को समय पर सब्सिडी दें।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि आप नि:शुल्क बिजली दें और समय पर सब्सिडी भी न दें। केंद्रीय मंत्री वीरवार को चंडीगढ़ में पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और स्थानीय निकाय मंत्री डा रवजोत सिंह व उनके विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।

बैठक में शानन प्रोजेक्ट का भी उठा मुद्दा

मनोहर लाल ने कहा कि आप जितनी जी चाहें फ्री बिजली दें, लेकिन समय पर पावरकाम को सब्सिडी अदा करें ताकि वह घाटे में न जाए। उन्होंने कहा कि वह सभी राज्यों की सरकारों से भी यही बात कह रहे हैं।

बैठक में पंजाब सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और शानन प्रोजेक्ट का भी मामला उठाया। पंजाब ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 99 साल के लिए लीज पर दिया गया था और अब यह पंजाब को सौंप दिया जाना चाहिए। पंजाब ही इसके रखरखाव और विस्तार पर खर्च करता आ रहा है।

हिमाचल के सीएम के साथ की बैठक

खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री ने वीरवार को ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों से भी अलग बैठक की। बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी शानन प्रोजेक्ट का मामला उठाया।

दोनों ही राज्यों के मंत्रियों से बैठक में मनोहर लाल ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और वे इस पर कुछ नहीं कह सकते। इस पर पंजाब मंत्रियों व अधिकारियों ने कहा कि बेशक यह सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन केंद्र सरकार पंजाब के पक्ष में लिए अपने फैसले पर ही कायम रहे।

पंजाब ने रखी ये मांग

पंजाब ने मांग रखी कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में पंजाब राज्य से बिजली सदस्य लगाने की परंपरा को बनाए रखा जाए और 2022 में संशोधित किए नियमों को रद्द किया जाए। पंजाब का कहना था कि नई शर्तों के अनुसार राज्य से कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलेगा।

पंजाब ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि के लिए सब्सिडी वाले सौर पंपों की क्षमता बढ़ाने की मांग की, और इन्हें कम से कम 15 हार्सपावर करने की अपील की।

पंजाब की कोयला खान से राज्य में तलवंडी साबो, नाभा स्थित निजी थर्मल पावर संयंत्रों के लिए कोयला बदलने की अनुमति देने की भी मांग की। धान की पराली से बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्रों को बायो गैस संयंत्रों जैसी सब्सिडी देने की भी मांग की गई।

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इस परियोजना की समय सीमा बढ़ाने की मांग

शहरी विकास से संबंधित चर्चा के दौरान पंजाब ने सुल्तानपुर लोधी स्मार्ट सिटी परियोजना की समय सीमा बढ़ाने की मांग की। इसी तरह प्रदूषण मुक्त वाहनों और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ से जुड़े पंजाब की अन्य क्षेत्रों जैसे मोहाली-ज़ीरकपुर को एक क्लस्टर बनाकर इसे ई-बस सेवा परियोजना में शामिल करने की मांग की गई।

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