Move to Jagran APP

Punjab News: पंजाब में बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलेगा दुर्घटना मुआवजा, मान सरकार ने नीति का किया ऐलान

कार ने बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए दुर्घटना मुआवजा नीति का किया है। इसको लेकर बिजली मंत्री ने कहा कि ऐलान ठेके की शर्तों पर काम करने वाले कर्मचारियों को बेहतर सहायता देने के लिए घातक हादसों के लिए एक्स-ग्रेशिया सहायता को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया है। आगे बोले कि यह नीति अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के तौर पर काम करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 15 Dec 2023 05:00 AM (IST)
Hero Image
पंजाब में बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलेगा दुर्घटना मुआवजा
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों की भलाई को पहल देते हुए पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के कर्मचारियों के लिए एक दुर्घटना मुआवजा नीति पेश की है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि यह नीति 8 दिसंबर 2023 से प्रभावी है, जो कार्य से संबंधित हादसों के मद्देनजर कर्मचारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है, जिसमें रेगुलर, ठेका आधारित और उप- ठेका आधारित पर काम करने वाले कामगार शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि नई नीति के अंतर्गत पीएसपीसीएल के रेगुलर कर्मचारियों को न केवल दुर्घटना के लाभ प्राप्त होंगे, बल्कि वह इमरजेंसी के दौरान 3 लाख तक के डॉक्टरी एडवांस तक प्राप्त कर सकेंगे, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि उनको जरूरी डॉक्टरी इलाज प्राप्त करने में कोई वित्तीय मुश्किल पेश न आए।

पांच लाख की जगह मिलेंगे 10 लाख

बिजली मंत्री कहा कि इसी तरह, ठेके की शर्तों पर काम करने वाले कर्मचारियों को बेहतर सहायता देने के लिए घातक हादसों के लिए एक्स-ग्रेशिया सहायता को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया है। इसके अलावा, ऐसे कामगारों के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाते हुए सामूहिक बीमे की रकम पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है।

मंत्री ने बताया कि इस नीति की शुरुआत से पहले ठेका आधारित और उप-ठेका आधारित श्रेणियों के कामगारों को ग़ैर-घातक हादसों की स्थिति में कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलता था, जबकि नयी नीति इस अंतर को खत्म करते हुए सुनिश्चित बनाती है कि 100 प्रतिशत विकलांगता की स्थिति में 10 लाख की रकम का भुगतान किया जायेगा।

इसके अलावा, विकलांगताओं के लिए मुआवजा घटना की गंभीरता के आधार पर अनुपात के अनुसार निर्धारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह, नयी नीति ग़ैर-बालिग़ निजी व्यक्तियों के लिए मुआवजे में एक महत्वपूर्ण वृद्धि भी लाती है, जो पहले सीमित मुआवज़े के अधीन थे।

मुआवजा नीति अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनेगी

बिजली मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का यह कदम बिजली क्षेत्र में कर्मचारियों की सुरक्षा और तंदुरुस्ती के प्रति वचनबद्धता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि यह व्यापक दुर्घटना मुआवजा नीति, जो कर्मचारी-केंद्रित नीतियों के रुझान को प्रोत्साहित करती है और यह सुनिश्चित बनाती है कि जरूरी सेवाओं में योगदान देने वालों की उपयुक्त सुरक्षा की जाए, अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के तौर पर काम करेगी।

पुरानी दुर्घटना मुआवजा पॉलिसी और नयी मुआवजा नीति में महत्वपूर्ण अंतर

रेगुलर कर्मचारियों, पी.एस.पी.सी.एल द्वारा सीधे तौर पर रखे गए ठेके पर काम करने वाले कामगार, ठेकेदारों/ आऊटसोर्स्ड एजेंसियाँ द्वारा ठेके पर काम करने वाले कामगार और प्राईवेट व्यक्तियों के लिए पुरानी दुर्घटना मुआवज़ा पॉलिसी और नयी मुआवज़ा नीति में महत्वपूर्ण अंतर हैं।

रेगुलर कर्मचारियों के लिए घातक हादसों के मामलो में इस योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है, नयी नीति में दस लाख रुपए एक्स-ग्रेशिया भुगतान, एक लाख रुपए का सामुहिक बीमा और सरकारी नियमों के अनुसार मेडिकल बिल की अदायगी का प्रबंध जारी रखा गया है। हालाँकि अब बिजली का करंट लगने के कारण हादसे के तुरंत बाद जख्मी कर्मचारियों के इलाज के लिए मेडिकल एडवांस की व्यवस्था है। पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी।

यह भी पढ़ें- CM मान ने तहसील कॉम्‍प्लेक्स होशियारपुर का किया औचक निरिक्षण, लोगों की समस्‍या दूर करने का दिया आश्वासन

सामूहिक बीमा कवरेज भी दोगुनी होकर दस लाख रुपए हो गई

सीधे तौर पर रखे गए और ठेकेदारों/आऊटसोर्स्ड एजेंसियों के द्वारा रखे गए ठेके पर काम करने वाले कामगार मुआवज़ा नीति में महत्वपूर्ण सुधारों की गवाही देगें। इसके अंतर्गत घातक हादसों के मामले में, एक्स-ग्रेशिया राशि 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10.00 लाख रुपए की गई है, और सामुहिक बीमा कवरेज भी दोगुनी होकर दस लाख रुपए हो गई है।

इसके अलावा, नयी पॉलिसी ग्रुप बीमा के नियमों और शर्तों के आधार पर विकलांगता लाभों के मामले में एक्स-ग्रेशिया के लिए प्रबंध पेश करती है। प्राईवेट व्यक्तियों; बालिग़ और नाबालिग दोनों के लिए, मुआवजा कर्मचारी मुआवजा एक्ट, 1923 के उपबंधों के अनुसार पी.एस.पी.सी.एल के डेलिगेशन ऑफ पावर्ज रैगुलेशन नंबर 130 के अनुसार रहता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।