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बिजली सब्सिडी कम करना चाहती है पंजाब सरकार, वित्त आयोग से की अतिरिक्त राशि की मांग

पंजाब सरकार (Punjab News) ने बिजली सब्सिडी को कम करने के लिए रोड मैप तैयार किया है। इसके लिए सरकार ने वित्त आयोग से अतिरिक्त राशि की मांग भी की है। पंजाब सरकार निशुल्क और सस्ती बिजली देने के एवज में 21 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च कर रही है। ये राशि राज्य मुख्य आमदनी जीएसटी के बराबर है।

By Jagran News Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 22 Jul 2024 02:50 PM (IST)
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पंजाब सरकार कम करना चाहती है बिजली सब्सिडी (जागरण फाइल फोटो)
इन्द्र प्रीत सिंह, चंडीगढ़। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के समक्ष पंजाब सरकार ने सब्सिडी को 2031 तक सीमित करने का रोड मैप दिया है और इसके लिए आयोग से अतिरिक्त राशि की मांग की गई है।

पंजाब सरकार की ओर से पेश किए गए मेमोरेंडम में सरकार ने कहा है कि सोलराइजेशन करके बिजली सब्सिडी को कम करने का प्रयास किया जाएगा लेकिन इसके लिए एक बड़े राशि की आवश्यकता होगी।

गौरतलब है कि इस समय निशुल्क और सस्ती बिजली देने के एवज में पंजाब सरकार 21 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च कर रही है और ये राज्य की मुख्य आमदनी जीएसटी के बराबर है।

टैक्स स्ट्रक्चर बदलने की उठाई मांग

इसके अलावा कमीशन के सामने पंजाब की सीमावर्ती राज्य होने के नुकसान को भी रखा गया है। सरकार का कहना है कि सीमावर्ती राज्य होने के कारण निवेश की बहुत कमी है इससे होने वाले घाटे को रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट की जरूरत है।

राज्य सरकार ने यह भी मुद्दा उठाया कि जीएसटी से पूर्व पंजाब के कई सेक्टर केंद्र के पास चले गए हैं जिससे राज्य की आमदनी को एक बड़ा नुकसान हुआ है इसके लिए टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने की मांग है।

सूत्रों के अनुसार आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि आयोग ने अभी राज्यों से विचार विमर्श शुरू किया है अभी यह उनकी तीसरी स्टेट ही है, इससे पहले आयोग दो राज्यों से विचार विमर्श कर चुका है। आयोग ने पंजाब की आर्थिकी से संबंधित कई सवाल रखे हैं जिसका जवाब बाद में आयोग को भेजने के लिए कहा गया है।

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