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Maur Mandi Bomb Blast मामले में पंजाब सरकार ने HC में दी स्टेटस रिपोर्ट, आरोपियों की प्रोपर्टी अटैच कर नीलामी की तैयारी

करीब पांच साल पहले मौड़ मंडी ब्लास्ट मामले में पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दायर की है। इसमें बताया गया कि मामले में शामिल तीन आरोपियों की प्रॉपर्टी को अटैच कर दिया गया है। उन्हें निलाम किया जाएगा। हाईकोर्ट में दायर रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि तीनों आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।

By Dayanand Sharma Edited By: Prince Sharma Published: Wed, 03 Jul 2024 03:58 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 03:58 PM (IST)
Punjab News: मौड़ मंडी ब्लास्ट मामले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मौड़ मंडी ब्लास्ट मामले में बुधवार को पंजाब सरकार ने एक स्टेटस रिपोर्ट दायर कर हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले के तीनों आरोपित जो अभी तक भगोड़े हैं, उनकी प्रॉपर्टी अटैच कर दी गई है।

इनमें से एक आरोपित की प्रॉपर्टी की नीलामी की गई थी, लेकिन कोई भी बोली लगाने वाला नहीं आया और बाकियों की प्रॉपर्टी की भी जल्द नीलामी की जाएगी।

बठिंडा के एसएसपी दीपक पारिक द्वारा हाई कोर्ट में दायर रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि तीनों आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।

हाई कोर्ट ने लगाई पंजाब सरकार को फटकार

हाई कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेकर अब इस पर याचिकाकर्ता को जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि घटना के सात साल बाद भी सरकार अभी तक मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार करने नाकाम में रही है।

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मुख्य आरोपित अमरीक सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए जब्त की गई संपत्ति की नीलामी को लेकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था और साथ ही पंजाब सरकार से अभी तक की जांच व कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी।

गुरजीत सिंह पातड़ां ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि इस घटना के बाद उन्होंने ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

2019 को SIT गठित करने का दिया आदेश

हाई कोर्ट के आदेश पर एसआईटी का गठन कर जांच शुरू की गई थी। एसआईटी द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर हाई कोर्ट ने 2019 में सरकार को नए सिरे से एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था।

सितंबर 2020 में हाई कोर्ट ने एसआईटी को दो सप्ताह में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के लिए बनी एसआइटी ने हाई कोर्ट के आदेशानुसार सही जांच नहीं की याचिकाकर्ता के अनुसार अभी तक मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

याचिकाकर्ता के मुताबिक यह सब डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हैं। डेरा प्रमुख जेल में बंद है उनसे पूछताछ क्यों नहीं हो रही।

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