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प्राइवेट थर्मल प्लांट खरीद पंजाब सरकार ने लिखा स्वर्णिम इतिहास, बिजली की खरीद में हो रही बचत

इस थर्मल प्लांट की क्षमता 61 फीसदी थी। जबकि इसमें से सिर्फ 34 फीसदी तक का ही प्रयोग होता था परंतु अब इस प्लांट की क्षमता 75 से 80 फीसदी तक कर दी गई है। ताकि राज्य में बिजली पैदावार में विस्तार हो। वहीं अपना थर्मल प्लांट खरीदने से सरकार को बिजली की खऱीद पर 300 से 350 करोड़ रुपए बचने भी शुरू हो गए हैं।

By Jagran News Edited By: Gaurav Tiwari Updated: Tue, 01 Oct 2024 05:10 PM (IST)
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पंजाब सरकार ने 540 मेगावाट के क्षमता वाला पावर प्लांट दो करोड़ रुपए प्रति मेगावाट के हिसाब से खरीदा।

डिजिटल टीम, चंडीगढ़। आम तौर पर सरकारें अपनी संपत्तियां बेचती है। कोई प्लांट नहीं चला पाने के कारण उसको बिकते या प्राइवेट हाथों में जाने की खबरें आम ही होती है लेकिन पंजाब सरकार देश में एक मात्र ऐसी सरकार हैं जिसने भविष्य में बिजली की मांग को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट थर्मल प्लांट खरीदा। यह स्वर्णिम इतिहास पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के कार्यकाल में लिखा गया हैं। यह उपलब्धि पंजाब सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट प्रति माह फ्री बिजली देते हुए हासिल की। जबकि पंजाब में एक समय ऐसा भी था जब न तो राज्य के पास बिजली थी और न ही पावर प्लांट लगाने के लिए पैसा।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच के कारण यह संभव हो पाया। पंजाब सरकार ने 1080 करोड़ रुपए की लागत के साथ प्राईवेट कंपनी जीवीके पावर के स्वामित्व वाला गोइन्दवाल पावर प्लांट को खरीद कर इतिहास बनाया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पावर प्लांट का यह सबसे कम कीमत पर खरीदा है क्योंकि 600 मेगावाट के क्षमता वाले कोरबा वेस्ट, झाबुआ पावर और लैंको अमरकंटक जैसे पावर प्लांट क्रमवार 1804 करोड़ रुपए, 1910 करोड़ और 1818 करोड़ रुपए में खरीदे गए। जबकि पंजाब सरकार ने 540 मेगावाट के क्षमता वाला पावर प्लांट दो करोड़ रुपए प्रति मेगावाट के हिसाब से खरीदा। यह किसी पावर प्लांट के लिए अब तक की सबसे कम कीमत है। जबकि इससे पहले हुई खरीद की कीमत तीन करोड़ रुपए प्रति मेगावाट थी। इस थर्मल प्लांट का नाम मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास जी के नाम पर रखा।

इस थर्मल प्लांट की क्षमता 61 फीसदी थी। जबकि इसमें से सिर्फ 34 फीसदी तक का ही प्रयोग होता था परंतु अब इस प्लांट की क्षमता 75 से 80 फीसदी तक कर दी गई है। ताकि राज्य में बिजली पैदावार में विस्तार हो। वहीं, अपना थर्मल प्लांट खरीदने से सरकार को बिजली की खऱीद पर 300 से 350 करोड़ रुपए बचने भी शुरू हो गए हैं।

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