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Punjab News: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर सरकार ने नए सिरे से क्यों लगाया NSA? जानें पूरी खबर

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के अलावा उनके सभी दस साथियों पर सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए उन पर अब एक बार फिर से नए तरीके से एनएसए लगाया है। यह जानकारी खुद उनके वकील ने हाई कोर्ट के सामने दी। बता दें एनएसए के आदेश सिर्फ एक साल तक ही लागू हो सकते हैं।

By Dayanand Sharma Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 17 Apr 2024 08:48 PM (IST)
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Punjab Crime News: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर सरकार ने नए सिरे से लगाया NSA
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। (Punjab Hindi News) डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह सहित उनके सभी दस साथियों पर पंजाब सरकार ने नए सिरे से एनएसए लगा दिया है। इसके खिलाफ अमृतपाल सिंह सहित उनके सभी साथियों ने नए सिरे से लगाए एनएसए के खिलाफ एडवाइजरी बोर्ड और केंद्र सरकार को दी रिप्रजेंटेशन है।

यह जानकारी अमृतपाल सिंह ( Khalistan supporter Amritpal Singh) के सात साथियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ने दी हाई कोर्ट दी। हाई कोर्ट ने इसके बाद एडवाइजरी बोर्ड और केंद्र सरकार उनकी रिप्रजेंटेशन पर छह हफ्तों के भीतर लेने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

एनएसए के आदेश एक साल तक हो सकते हैं लागू 

पिछली सुनवाई के दौरान जब अमृतपाल सिंह सहित उनके सभी दस साथियों की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पिछले साल 18 मार्च को इन सभी के खिलाफ एनएसए लगा इन्हें असम के डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। एनएसए के आदेश एक साल तक ही लागू हो सकते हैं। अब यह आदेश खत्म हो चुके हैं।

इस पर पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को बताया की इन सभी के खिलाफ नए सिरे से एनएसए लगाया गया है।अमृतपाल सिंह के साथी पपलप्रित सिंह, भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, कुलवंत सिंह रायोके, सरबजीत कलसी, गुरिंदर औजला और बसंत सिंह ने अपने खिलाफ लगाए एनएसए को दी हुई है।

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अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने लिए सरकार ने चलाई थी मुहिम

हाई कोर्ट में चुनौती दी हुई है। याचिका दाखिल करते हुए सभी ने बताया कि पंजाब में अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब सरकार ने मुहिम चलाई थी। इस मुहिम के तहत अमृतपाल के साथियों पर शिकंजा कसा गया था। इसी कड़ी में याचिकाकर्ताओं को भी शिकार बनाया गया।

उसके खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इस कार्रवाई के बाद उसे गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। याचिका के अनुसार उनके खिलाफ की गई यह कार्रवाई कानून की तय प्रक्रिया का पालन करते हुए नहीं की गई है।

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