Chandigarh Mayor: चंडीगढ़ में अपना मेयर बनाने के लिए पंजाब सरकार लगा रही है पूरी ताकत, राघव चड्ढा भी उतरे मैदान में; कई बड़े नेताओं के साथ की बैठक
चंडीगढ़ में अपना मेयर बनाने के लिए पहली बार पंजाब सरकार ने भी अपना जोर लगाया हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आज सुबह जैसे ही मेयर के चुनाव को प्रीसाइडिंग अधिकारी के बीमार होने के बाद इसे टाला गया। आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और कांग्रेस के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल की मुख्यमंत्री आवास पर लंबी मीटिंग हुई।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में अपना मेयर बनाने के लिए पहली बार पंजाब सरकार ने भी अपना जोर लगाया हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आज सुबह जैसे ही मेयर के चुनाव को प्रीसाइडिंग अधिकारी के बीमार होने के बाद इसे टाला गया , तुरंत ही आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और कांग्रेस के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल की मुख्यमंत्री आवास पर लंबी मीटिंग हुई। हालांकि, चंडीगढ़ में ही राघव चड्ढा के पास अपनी कोठी है, लेकिन बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई।
पार्षदों को बचाकर रखने का दबाव
एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह की गुप्त कई बैठकें मुख्यमंत्री आवास पर हो चुकी हैं क्योंकि पंजाब सरकार की यहपूरी कोशिश है कि चंडीगढ़ में अपना पहला मेयर कांग्रेस की सहायता से बनाया जाए साथ ही आईएनडीआईए को भी एक संदेश दिया जाए कि गठजोड़ का पहला चुनाव चंडीगढ़ में दोनों पार्टियों ने अपने सहयोग से जीत लिया है। यह अलग बात है कि ये चुनाव ऐन मौके पर टल गए, लेकिन दोनों पार्टियों के लिए असली दिक्कत अब शुरू हुई है। दोनों पर अपने अपने पार्षदों को बचाकर रखने का दबाव है।
कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार जसबीर बंटी को अपने खेमे में शामिल होने को लेकर दो दिन पहले काफी मशक्कत हो चुकी है। दो दिन पहले जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता हुआ तो बंटी को मेयर पद के लिए अपना नामांकन आप के हक में वापिस लेना था लेकिन भाजपा के नेता उसके अपने साथ ले गए। उसे छुड़वाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं और पंजाब पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस का भी भारी बंदोबस्त
दोनों पार्टियों के सीनियर नेता बंटी को अपने खेमे में लाने को लेकर डटे रहे। इससे पहले भी आप और भाजपा ने उनके एक-एक पार्षद को अपने अपने पाले में ले लिया। ऐसी कोशिशें आगे न हों , सरकार ने इसके लिए पार्षदों को रोपड़ के पास किक्कर लॉज में ठहराया हुआ है। यहां पुलिस का भी भारी बंदोबस्त है।
राघव चड्ढा ने कहा कि यह सिर्फ मेयर का चुनाव है और भाजपा इंडी गठबंधन से इतनी डरी हुई है कि उनकी रातों की नींद अभी से उड़ गई है। ज़रा सोचिए जब 2024 के आम चुनाव में उनका सामना इंडिया गठबंधन से होगा बीजेपी की हालत क्या होगी?