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Punjab News: सरकारी स्कूलों में Mid Day Meal के मेन्यू में हुआ बदलाव, अब छात्रों को खाने के साथ मिलेगा यह फल

Punjab News पंजाब के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में जल्द किन्नू मिलना शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशों पर शिक्षा सचिव केके यादव ने बागबानी विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इसकी संभावनाओं का पता लगाने को कहा है। बता दें कि पंजाब में इस समय 15.93 लाख बच्चे मिड डे मील के लिए एनरोल हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 08 Feb 2024 09:58 AM (IST)
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Punjab News: सरकारी स्कूलों में Mid Day Meal के मेन्यू में हुआ बदलाव
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। (Punjab News) राज्य के स्कूलों में मिड डे मील में जल्द किन्नू मिलना शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशों पर शिक्षा सचिव केके यादव ने बागबानी विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इसकी संभावनाओं का पता लगाने को कहा है।

छात्रों को मिड डे मिल में मिलेगा किन्नू

हालांकि यह बहुत देर से लिया गया फैसला है, क्योंकि इन दिनों किन्नू की बिकवाली अपने अंतिम चरणों में है। गौरतलब है कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग की ओर से सर्दियों की छुट्टियों के बाद मिड डे मील में बच्चों को हर सोमवार को एक केला देने का पत्र जारी किया था, लेकिन पंजाब में मांग उठी कि जब हमारे पास अपनी पैदावार वाला किन्नू मौजूद है और ज्यादा पैदावार के कारण किसानों को उसका रेट भी नहीं मिल रहा है तो महाराष्ट्र से लाकर केला यहां क्यों दिया जा रहा है।

गाजर का जूस और केला भी विकल्प में

पंजाब के विधायक संदीप जाखड़ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस संबंधी ट्वीट भी किया और पत्र भी लिखा। उन्होंने सुझाव दिया कि गाजर का जूस और किन्नू केले के विकल्प के तौर पर दिए जा सकते हैं और ये दोनों स्थानीय पैदावार हैं।

ऐसा करने से किसानों को जहां लाभ होगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को भी गेहूं का विकल्प मिलेगा। फिरोजपुर जिले के कुछ और विधायकों जिनमें गोल्डी कंबोज और नरिंदरपाल सिंह ने किन्नू देने पर सहमति व्यक्त की और मुख्यमंत्री से गुजारिश की कि किन्नू को मिड डे मील में दिया जाए।

मिड डे मील में मिले फल

पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों के साथ बैठक की तो उन्होंने बैठक में मौजूदा शिक्षा सचिव केके यादव से कहा कि केले की बजाय किन्नू के विकल्प को देखें। काबिले गौर है कि प्रति बच्चा पांच रुपये मिड डे मील में अब अलग से दिए जाएंगे ताकि स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां सप्ताह में एक दिन बच्चों को मिड डे मील में फल दे सकें। यूटी चंडीगढ़ ने भी केले की बजाय किन्नू को देने की संभावनाओं पर काम किया है।

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उन्होंने पंजाब एग्रो से यह फल देने की संभावनाओं पर विचार किया है, जिसमें पता चला कि एग्रो किसानों से लेकर पंद्रह रुपये प्रति किलो किन्नू मुहैया करवा सकता है। एक किलो में छह किन्नू आते हैँ। यानी हर बच्चे को दो किन्नू मिलेंगे।

पंजाब में 15.83 लाख बच्चे मिड डे मील के लिए एनरोल है

पंजाब में इस समय 15.93 लाख बच्चे मिड डे मील के लिए एनरोल हैं। यानी इतने बच्चों की प्रति सप्ताह जरूरत को पूरा करने के लिए दस हजार क्विंटल किन्नू की जरूरत होगी और एक महीने में चालीस हजार क्विंटल किन्नू चाहिए होगा। कृषि विभाग के पूर्व कमिश्नर डा. बलविंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि विटामिन सी से भरपूर किन्नू को खाने से बच्चे खांसी, जुकाम, बुखार से भी बचेंगे। कहा कि पंजाब सरकार के पास तो यह एक अच्छा मौका है कि इस योजना को दिल्ली के स्कूलों में भी लागू करवा दिया जाए।

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