Punjab News: पंजाब सरकार ने खेती की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को चेताया, सिर्फ 15 कॉलेजों को मान्यता प्राप्त
Punjab News पंजाब में सरकार ने खेती की पढ़ाई के लिए छात्रों को चेता दिया है। सिर्फ 15 कॉलेजों को मान्यता प्राप्त है। साल 2020 में सरकार (Punjab Government) ने कॉलेजों को चेतावनी दी थी। उस समय कॉलेजों ने भी कोरोना का बहाना बनाकर मोहलत ले ली थी। वहीं दूसरी ओर विभाग पैसे लेकर इन कॉलेजों को एक्सटेंशन दे रहे हैं।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब सरकार के कृषि विभाग ने आज अखबारों में विज्ञापन देकर खेती की पढ़ाई के लिए कॉलेजों में दाखिला लेने की सोच रहे विद्यार्थियों को चेताया है कि सिर्फ 15 कॉलेज ही राज्य के ऐसे कॉलेज हैं जो पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर एजुकेशन एक्ट 2017 के नियमों व शर्तों को पूरा करते हैं।
जबकि एक समय में पंजाब के 117 कॉलेजों में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करवाई जा रही थी जिसके लिए आवश्यक 40 एकड़ जमीन किसी के पास भी नहीं थी जिस पर बच्चे प्रेक्टिकल और अपना रिसर्च वर्क कर सकें।
अजयवर जाखड़ ने उठाया था मामला
यह मामला 2017 के शुरूआती दौर में पंजाब किसान आयोग के पूर्व चेयरमैन अजयवीर जाखड़ ने उठाया था । उन्होंने तब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिनके पास खेती महकमा भी था को पत्र लिखकर कहा कि प्राइवेट कॉलेजों में कृषि से संबंधित करवाई जा रही पढ़ाई का स्तर सही नहीं है और न ही किसी के पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है।उन्होंने इन कॉलेजों को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने की बात कही और बताया कि पंजाब स्टेट काउंसिल फार हायर एग्रीकल्चर एजुकेशन बिल 2015 काफी से लंबित हैं। उनके इस कदम के बाद पंजाब सरकार ने उसी साल इस बिल को विधानसभा में पारित करके प्राइवेट कॉलेजों के लिए नियम कायदे तय कर दिए। इसके बावजूद यह एक्ट सही ढंग से लागू नहीं किया गया और कॉलेजों में दाखिले होते रहे।
2020 में भी दी गई थी चेतावनी
साल 2020 में सरकार ने चेतावनी दी कि जिन कॉलेजों के पास पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी आदि नहीं है। उनकी मान्यता रद कर दी जाएगी लेकिन इन कॉलेजों में तब पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए कॉलेजों को कुछ समय के लिए मोहलत दे दी।यह भी पढ़ें: Haryana News: खुशखबरी! सरपंचों का टीए-डीए बढ़ाने की तैयारी में सरकार, ई-टेंडरिंग के बगैर करा सकेंगे 10 लाख रुपये तक के कामकॉलेजों ने भी कोरोना का बहाना बनाकर मोहलत ले ली। लेकिन सरका रने कहा कि 30 जून 2022 तक सभी कॉलेज इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करके अपनी अपनी रिपोर्ट काउंसिल को जमा करवाएंगे ताकि इसके निरीक्षण के बाद ही कॉलेजों को मान्यता दी जाए।
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