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Punjab News: निजी अस्पतालों को पैनल से हटाएगी पंजाब सरकार, आयुष्मान योजना में इलाज नहीं करने पर होगा एक्शन

आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों को भुगतान न करने के आरोपों पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक भी पैसा न तो डायवर्ट किया है और न ही दुरुपयोग किया है। डॉ. बलबीर ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत जो प्राइवेट अस्पताल मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं उन्हें पैनल से हटाया जाएगा।

By Inderpreet Singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 02 Oct 2024 03:20 PM (IST)
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डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- आयुष्मान योजना के तहत इलाज न करने पर प्राइवेट अस्पतालों को पैनल से हटाया जाएगा
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आयुष्मान भारत पीएम-जय मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत केंद्र से 350 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त करने के बावजूद निजी अस्पतालों का भुगतान नहीं करने पर हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल समेत चार वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन को कुर्क करने के आदेश दिए थे। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने दावा किया है कि सरकार ने एक भी पैसा न तो डायवर्ट किया न ही दुरुपयोग किया।

सरकार के फंड का कोई दुरुपयोग नहीं किया गया- स्वास्थ्य मंत्री

पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. बलबीर ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत जो प्राइवेट अस्पताल मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं, उन्हें पैनल से हटाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के फंड का कोई दुरुपयोग नहीं किया गया है, बल्कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार पर पंजाब का 249 करोड़ रुपये बकाया है।

772 अस्पतालों को किया गया सूचीबद्ध

मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 44.99 लाख परिवारों को शामिल किया गया है और 772 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है जिसमें 210 सार्वजनिक, 556 निजी व छह केंद्र सरकार के अस्पताल हैं। बजट को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में केवल 16.65 लाख सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना परिवारों के लिए साझा किया जाता है, जबकि राज्य शेष 28 लाख से अधिक परिवारों के लिए बजट वहन करता है।

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पिछली सरकारें इस योजना को बीमा मोड के तहत चला रही थीं, जिसके तहत वे प्रीमियम का भुगतान करते थे और 29 दिसंबर, 2021 को उन्होंने सौंपे गए बीमा कंपनी के साथ अनुबंध को अचानक रद कर दिया गया जिससे अराजकता फैल गई। उन्होंने कहा, हमारी सरकार को खंडित हुई व्यवस्था विरासत में मिली है और इस योजना को ट्रस्ट मोड के तहत लाना पड़ा।

केंद्र सरकार के पास लंबित है इतने करोड़ की धनराशि

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 249.81 करोड़ रुपये की राशि, जिसमें 51.34 करोड़ रुपये प्रशासनिक शुल्क और 17.07 करोड़ रुपये पिछला बकाया शामिल है, केंद्र सरकार के पास लंबित है। उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ बैठक की और उनसे लंबित भुगतान की किस्त जारी करने का अनुरोध किया ताकि हम निजी अस्पतालों को भुगतान कर सकें।

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जेपी नड्डा से लंबित भुगतान का किया अनुरोध

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लंबित भुगतान जारी करने का अनुरोध करने के लिए बैठक के लिए लिखा था। उन्होंने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार के धन का कोई डायवर्जन नहीं किया गया है और सभी धन का उपयोग केवल जन कल्याण के लिए किया जा रहा है।

मंत्री ने अस्पतालों को भुगतान में देरी के लिए फरवरी 2024 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एनएचए) द्वारा लांच किए गए नए साफ्टवेयर पर स्विच करने के बाद तकनीकी गड़बड़ियों को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने इस मुद्दे को हल करने के लिए त्वरित कदम उठाए। डॉ. बलबीर ने कहा कि जो निजी अस्पताल सेवाभाव से आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं करना चाहते, उन्हें पैनल से हटाया जाएगा क्योंकि पैनल पर आने के लिए अस्पतालों की लंबी लिस्ट है।

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