Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Punjab Haryana HC: 'मां अत्याचार करती है'... मासूम को रोता देख पिघला जज साहब का दिल, कोर्ट ने पलट डाला अपना ही फैसला; कस्टडी देने से किया इनकार

Punjab Haryana High Court News आठ वर्ष की बच्ची के आंसुओं ने अवैध कस्टडी से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट को अपना आदेश बदलने पर मजबूर कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बच्ची बचपन से ही दादा-दादी से भावनात्मक रूप से जुड़ी है ऐसे में उसे अलग करना ठीक नहीं है। हालांकि बच्ची को रोजाना याची से मिलने देने का भी आदेश दिया है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 11 Jan 2024 10:41 AM (IST)
Hero Image
Punjab Haryana HC: बच्ची को रोता देख कोर्ट ने बदला फैसला, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो),

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आठ वर्ष की बच्ची के आंसुओं ने अवैध कस्टडी से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट को अपना आदेश बदलने पर मजबूर कर दिया। अदालत ने जैसे ही बच्ची को उसकी मां को सौंपने का आदेश दिया तो वह फूट फूट कर रोने लगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश को बदलते हुए उसे सौतेले पिता के अभिभावक (दादा-दादी) के पास ही रखने को सही माना।

बच्ची बचपन से ही दादा-दादी से भावनात्मक रूप से जुड़ी है

कोर्ट ने कहा कि बच्ची बचपन से ही दादा-दादी से भावनात्मक रूप से जुड़ी है, ऐसे में उसे अलग करना ठीक नहीं है। तरनतारन निवासी महिला ने हाईकोर्ट को बताया था कि पहले विवाह से उसे एक बेटी हुई थी और कुछ समय बाद उसका पति तलाक हो गया था। इसके बाद उसने दूसरा विवाह किया और अपनी बेटी के साथ दूसरे पति के साथ रहने लगी। कुछ समय बाद दूसरे पति के स्वजनों ने उसे घर से निकाल दिया और उसकी बेटी को अवैध तरीके से अपने साथ रख लिया।

कमरे में बंद कर किया अत्याचार

याची ने कहा कि दूसरे पति के स्वजनों (बच्ची के दादा-दादी) का उसकी बेटी से कोई रिश्ता नहीं है और ऐसे में उसकी बेटी उसे सौंपी जानी चाहिए। याची की बेटी को भी बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। हाईकोर्ट ने जब याची को उसकी बेटी सौंपने का आदेश जारी किया तो बच्ची फूट-फूट कर रोने लगी। कोर्ट को बताया कि एक बार उसकी मां उसे अपने साथ लेकर गई थी तो कमरे में बंद कर अत्याचार किया था। खाना भी नहीं दिया था। बच्ची के आंसू देख हाईकोर्ट ने अपना निर्णय पलट दिया और कहा कि भले ही याची बच्ची की प्राकृतिक अभिभावक है,लेकिन बच्ची की भलाई सर्वोपरि है। बच्ची आठ वर्ष की है और उसे समझ है कि उसकी भलाई किसके साथ रहने में है। हालांकि हाईकोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि दादा-दादा को अदालत कानूनी संरक्षक करार नहीं दे रही है। बच्ची को रोजाना याची से मिलने देने का भी आदेश दिया है।

यह भी पढ़ें- Punjab Weather Update: शीतलहर ने बढ़ाई ठिठुरन, पंजाब में लोहड़ी से पहले सर्दी से राहत नहीं; कोहरे से प्रभावित हुईं कई फ्लाइट्स और ट्रेनें

यह भी पढ़ें- Punjab News: अब पराली से धुआं नहीं फ्यूल बनेगा, चलेंगे रेल-जहाज और वाहन; नितिन गडकरी ने निकाल लिया गजब का तोड़