Punjab Haryana HC: दुष्कर्म के मामले में पंजाब पुलिस को हाई कोर्ट की फटकार, DGP को जवाब दाखिल करने का दिया आदेश
Punjab Haryana HC पंजाब हाई कोर्ट ने अब इस मामले में डीजीपी को खुद जांच के इस तरीके पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए पीड़िता ने हाई कोर्ट को बताया कि आरोपित जगराज सिंह उसके पति को पहले से जानता था और अक्सर उसके घर आता था। आरोपित की लंबे समय से उस पर बुरी नजर थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पति को एनडीपीएस के मामले में फंसाने, महिला से दुष्कर्म व इस सबमें पुलिस अधिकारियों की भूमिका के आरोपों के बावजूद कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस को जमकर फटकार लगाई है।
हाई कोर्ट ने अब इस मामले में डीजीपी को खुद जांच के इस तरीके पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए पीड़िता ने हाई कोर्ट को बताया कि आरोपित जगराज सिंह उसके पति को पहले से जानता था और अक्सर उसके घर आता था।
शारीरिक संबंध बनाने का बनाया दबाव
आरोपित की लंबे समय से उस पर बुरी नजर थी। इसी बीच उसने याची को धमकी दी कि यदि वह उससे बात नहीं करेगी तो उसके पति को एनडीपीएस के झूठे मामले में फंसा देगा। जब वह आरोपित से बात करने लगी तो उसने शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया और कहा कि यदि ऐसा नहीं किया तो चैट याची के पति को दिखा देगा। आरोपित जगराज 29 अगस्त, 2022 को याची के घर आया और तब याची व उसके ससुर घर पर थे।बार-बार संबंध बनाने का बनाता रहा दबाव
आरोपित ने कहा कि पुलिस याची के पति को एनडीपीएस के मामले में ढूंढ रही है और यदि याची 50 हजार रुपये का इंतजाम करवा दे तो उसके पति का नाम केस से बाहर निकाला जा सकता है। याची के ससुर पैसे का इंतजाम करने गए तो मौके का फायदा उठाकर आरोपित ने उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद लगातार वह बार-बार संबंध बनाने का दबाव बनाता रहा, लेकिन याचिकाकर्ता ने मना कर दिया।
भुगतान के बाद याची के पति को पुलिस ने छोड़ दिया
इसके बाद एक दिन पुलिस उसके पति को उठा कर ले गई। जब याची थाने पहुंची तो एएसआइ सतनाम सिंह ने कहा कि वह आरोपित से बात करे। याची ने जगराज सिंह से बात की तो उसने 50 हजार रुपये मांगे। 39 हजार कैश व 11 हजार रुपये खाते में भुगतान करने के बाद याची के पति को पुलिस ने छोड़ दिया।पटियाला के एसपी को जांच सौंपी गई
इसके बाद याची ने पूरा मामला अपने पति को बताया तो दोनों पुलिस के पास गए और दुष्कर्म का मामला दर्ज करवा दिया। 22 जनवरी, 2023 को एफआइआर दर्ज की गई, लेकिन बाद में आरोपों को झूठा बताते हुए कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी गई। इसे नामंजूर करते हुए जिला अदालत ने दोबारा जांच को कहा। इसके बाद आइजीपी पटियाला रेंज के पास मामला पहुंचा तो पटियाला के एसपी को जांच सौंपी।
उन्होंने भी कैंसिलेशन रिपोर्ट की सिफारिश कर दी। हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए याची ने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एसआइटी गठित करने की मांग की थी। इस मामले में पंजाब पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल हुई तो हाई कोर्ट ने पुलिस की जांच को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा किया।यह भी पढ़ें- Chandigarh: रेड लाइट पर खड़ी थी कार, अचानक लगी आग; चंडीगढ़ के हाउसिंग बोर्ड चौक पर हुआ हादसा
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