दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई जमीन को हाई कोर्ट में चुनौती, NHAI को नोटिस जारी
याचिका के अनुसार परियोजना के लिए याचिकाकर्ताओं को उचित मुआवजा दिया बगैर उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है व उनके दावों का निपटारा नहीं किया जा रहा। साथ ही कहा गया कि आवासीय मकानों को मुआवजे के लिए तोड़ा जा रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 12 Jun 2023 07:13 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई जमीन को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच के जस्टिस महावीर सिंह संधु व जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्र व एनएचएआई को दस जुलाई के लिए नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न कोर्ट अधिग्रहण पर रोक लगा दे। हालांकि, कोर्ट ने याची की अधिग्रहण पर तुरंत रोक की मांग को खारिज कर दिया।
याचिका के अनुसार, परियोजना के लिए याचिकाकर्ताओं को उचित मुआवजा दिया बगैर उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है व उनके दावों का निपटारा नहीं किया जा रहा। इस विषय पर पहले दायर एक याचिका में भी आरोप लगाया गया था कि आवासीय मकानों और कुछ अन्य ढांचों को मुआवजे के लिए कोई आदेश पारित किए बिना तोड़ा जा रहा है।जिस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बताया था कि जहां तक आवासीय मकानों का संबंध है, केवल एक आवासीय घर है और केवल चारदीवारी परियोजना के तहत आती है। संबंधित चारदीवारी के संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पूरक मुआवजा आदेश पारित किया गया है और जहां तक अन्य निर्माण नलकूप, बोरवेल आदि के संबंध में, जिनके बारे में याचिकाकर्ताओं द्वारा विद्यमान होने का दावा किया गया है, अदालत में एक तालिका प्रदान की गई थी।
एनएचएआई ने हाई कोर्ट को बताया था कि कुछ याचिकाकर्ताओं ने उक्त संरचनाओं के लिए अपना दावा भी नहीं किया है, जिसने दावा किया था उनको जून / अगस्त, 2022 में अवार्ड जारी कर दिया गया था।। इस मामले में लुधियाना वेस्ट के पांच गांव के स्थानीय निवासियों ने जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा नहीं दिए जाने को लेकर याचिका दायर की है। इन पांच गांव की 30 किलोमीटर जमीन अधिग्रहण की गई है।ये भी पढ़ें- कनाडा भागने की फिराक में थे पूर्व मंत्री कांगड़, दिल्ली एयरपोर्ट पर रोका गया; चल रही है विजिलेंस जांच
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।