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Punjab News: ट्रांसजेंडर कैदी के संग 12 लोगों ने किया दुष्कर्म, जेलों में अलग बैरिक नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

जेलों में अलग बैरिक होने और थानों में अलग लॉकअप होने के सिलसिले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारों से जवाब मांगे थे। इस क्रम में चंडीगढ़ और केंद्र ने अदालत से समय मांगा। बता दें कि इस मामले में उच्च न्यायालय में एडवोकेट सनप्रीत सिंह ने याचिका दायर की थी। जिसमें जेलों में ट्रांसजेंडरों की स्थिति के बारे में बताया गया था।

By Dayanand Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 30 Jul 2024 06:14 PM (IST)
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ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग सुविधाओं की व्यवस्था करने को कहा था।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। जेलों में ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग बैरिक व थानों में अलग लॉकअप मौजूद नहीं होने के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब के जेल महानिदेशक ने इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी हाईकोर्ट में दी।

सुनवाई के दौरान केंद्र व चंडीगढ़ प्रशासन ने साल 2019 में ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए हाईकोर्ट से समय देने की मांग की।

इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट सनप्रीत सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट पास किया था और साल 2020 में इससे जुड़े नियम अधिसूचित किए थे।

'ट्रांसजेंडर कैदियों को मिले सुविधाएं'

10 जनवरी 2022 को केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों व डीजी जेल को पत्र लिखा था और ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग सुविधाओं की व्यवस्था करने को कहा था।

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याची ने कहा कि में जेलों में ट्रांसजेंडर कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलग बैरिक होने चाहिए। इसके साथ ही थाने व चौकियों में ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग लॉकअप की सुविधा होनी चाहिए। ट्रांसजेंडरों को जेलों में पुरुष कैदियों के साथ नहीं रखा जा सकता।

'जेल में 12 कैदियों ने किया दुष्कर्म'

याचिका में एक ट्रांसजेंडर कैदी की कहानी का जिक्र किया गया जिसके साथ जेल में 12 कैदियों ने दुष्कर्म किया था। याची ने बताया कि उसने पंजाब सरकार से आरटीआई के माध्यम से ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में बताया गया कि पंजाब की किसी भी जेल में उनके लिए कोई अलग बैरिक मौजूद नहीं है।

इसके साथ ही किसी भी थाने या चौकी में उनके लिए अलग लॉकअप की व्यवस्था नहीं है। हाईकोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए अब ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए अलग से टॉयलेट की व्यवस्था को लेकर अब पंजाब के साथ ही हरियाणा व चंडीगढ़ को पक्ष बनाया था और तीनों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।

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