Punjab News: सरकार और NHAI के मामले में हाईकोर्ट का कड़ा रुख, पंजाब DGP को दिए भूमि खाली कराने के आदेश
पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने 391 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर पंजाब डीजीपी को आदेश दिए कि वह भूमि का कब्जा लेने में बाधा बनने वालों से निपटने की व्यवस्था कराएं। दरअसल पंजाब में भूमि न मिलने की वजह से से दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे लुधियाना रूपनगर से खरड़ हाईवे व लुधियाना-बठिंडा हाईवे का कार्य लंबित है। इसकी कारण भूमि विवाद था।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़।10 राष्ट्रीय राजमार्ग के 391 किलोमीटर क्षेत्र के 13,190 करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट के लिए भूमि का कब्जा लेने में बाधा बनने वालों से निपटने की व्यवस्था करने का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को आदेश दिया है। साथ ही दो सप्ताह के भीतर कब्जा दिलाने से जुड़ी रिपोर्ट सौंपने का मुख्य सचिव को आदेश दिया है।
इन हाइवों का काम लंबित
एनएचएआई ने याचिका दाखिल करते हुए भारतमाला परियोजना के तहत मेमदपुर (अंबाला) बनूर (आईटी सिटी चौक)-खरड़ (चंडीगढ़) गलियारे के लिए भूमि के संबंध में भूमि अधिग्रहण की पुक्रिया को चुनौती दी थी। कोर्ट को बताया था कि भूमि न मिलने से दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे, लुधियाना रूपनगर से खरड़ हाईवे व लुधियाना-बठिंडा हाईवे का कार्य लंबित है।
हाईकोर्ट ने गत वर्ष अक्तूबर में आदेश दिया था कि एनएचएआई संबंधित अधिकारी को अधूरी/लंबित परियोजनाओं की सूची उपलब्ध कराएं और मुख्य सचिव सक्षम प्राधिकारी को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश जारी करें। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि दो महीने के भीतर बाधा मुक्त कब्जा एनएचएआई को दिलाया जाए।
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अब हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर एनएचएआई ने बताया कि आदेश के बावजूद भूमि का कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। हाईकोर्ट को बताया गया कि 34193 करोड़ की लागत के 897 किलोमीटर दूरी वाले 26 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए अभी तक 100 प्रतिशत भूमि का कब्जा नहीं मिला है।
इसके साथ ही 13190 करोड़ की लागत वाले 391 किलोमीटर के 10 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट के लिए अभी 80 प्रतिशत भूमि प्राप्त नहीं हुई है।
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