Punjab-Haryana High Court: हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार, कहा- जेलों में मेडिकल स्टाफ के खाली पदों पर शासन जल्द करे नियुक्ती
जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए अब हरियाणा व पंजाब सरकार को अगली सुनवाई पर डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही दोनों को यह भी बताना होगा कि इन पदों को भरने को लेकर सरकार की क्या योजना है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए अब हरियाणा व पंजाब सरकार को अगली सुनवाई पर डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही दोनों को यह भी बताना होगा कि इन पदों को भरने को लेकर सरकार की क्या योजना है।
फिरोजपुर जेल में एक कैदी की मौत का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष पहुंचा था। इस मामले का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई आरंभ की थी। पिछली सुनवाई पर सिंगल बेंच के समक्ष बताया गया कि इसी प्रकार का मामला खंडपीठ के समक्ष भी विचाराधीन है और ऐसे में जस्टिस विनोद भारद्वाज ने यह केस मुख्य न्यायाधीश को रेफर कर दिया था।
मंगलवार को इस मामले की सुनवाई आरंभ हुई तो हाईकोर्ट ने पूर्व में हरियाणा सरकार की ओर से सौंपे गए हलफनामे का अध्ययन किया। इसमें कोर्ट ने पाया कि जेल में 80 प्रतिशत मेडिकल स्टाफ के पद रिक्त पड़े हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जेल में कैदियों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी अनिवार्य हैं और उन्हें इससे वंचित नहीं रखा जा सकता।
ऐसे में अगली सुनवाई पर हरियाणा व पंजाब सरकार बताएं कि जेलों में मेडिकल स्टाफ के कितने स्वीकृत पद हैं, इन पदों में से कितने रिक्त हैं और इन रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार के पास क्या योजना है।
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