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Union Budget 2021-22: पंजाब की इंडस्ट्री को भाया बजट, सरकार और विपक्ष ने नकारा

Union Budget 2021-22 पंजाब की इंडस्ट्री को बजट भा गया है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि यह कोरोना काल में इम्यूनिटी बूस्टर का काम करेगा जबकि राज्य सरकार व विपक्ष के नेताओं को बजट नहीं भाया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 08:50 PM (IST)
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पंजाब की इंडस्ट्री को भाया बजट ।
जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्रीय बजट 2021-22 से पंजाब के उद्योगों खासकर लघु और मध्‍यम उद्योगों (MSME) को काफी फायदा मिलेगा। बजट एमएसएमई के लिए इम्‍यूनिटी बूूस्‍टर का कार्य करेगा। पंजाब में एमएसएमई के गढ़ लुधियाना के उद्यमियों को यह बजट खासा भाया है। पंजाब की आर्थिकता की रीढ़ कृषि के लिए केंद्रीय बजट में आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए पेेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने की घोषणा की गई है। हालांंकि ककृषि विशेषज्ञों और पंजाब सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हों या उनके वित्तमंत्री मनप्रीत बादल, उनका कहना है कि बजट पूरी तरह से उन राज्यों को देखकर बनाया गया है जहां इस साल चुनाव होने हैं। वित्तमंत्री ने कहा, पेेट्रोल डीजल पर सेस लगाकर राज्यों का पैसा केंद्र ने अपने खजाने में डाल लिया है। सत्ता पक्ष के अलावा शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी ने भी इसे किसान, गरीब आदमी विरोधी बताया है।

भारतीय जनता पार्टी ने बजट का स्वागत किया है और कहा है कि यह बजट कृषि के विकास आगे ले जाएगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके बारे में कहा था। कोरोना महामारी के चलते हालांकि सभी सेक्टर्स को गहरा धक्का लगा था। खासतौर पर पंजाब की मध्यम दर्जे की इंडस्ट्री तो खासी सकते में आ गई। इस बजट से उन्हें खासी उम्मीद नजर आ रही थी।

उद्यमियों का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत की उम्मीदों को पूरा करने का प्रयास किया और उद्योग जगत को आर्थिक इम्यूनिटी बूस्टर दिया। बजट में इंजीनियरिंग उद्योग के लिए सिरदर्द बने स्टील की कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए ड्यूटी कम की गई। वहीं माइक्रो स्माल एंड मिडियम एंटरप्राइजेज-एमएसएमई सेक्टर के लिए बजट को भी दोगुना से अधिक बढ़ा दिया। इससे एमएसएमई सेक्टर को अधिक पैसा मिलेगा और इसमें मजबूती आएगी।

पेट्रोल, डीजल पर सेस लगा राज्यों का पैसा केंद्र ने अपने खाते में डाला : मनप्रीत

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा है कि बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को पैसा बढ़ाकर तो क्या देना था, पहले से मिल रहा है पैसा भी नई-नई योजनाएं बनाकर वापस ले लिया है। उन्होंने बताया कि कृषि आधारभूत ढांचा विकास के नाम पर डीजल पर चार रुपये और पैट्रोल पर 2.5 रुपये सेस लगा दिया है। 

बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मनप्रीत बादल ने कहा कि हालांकि इससे पेेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम करके उस कीमत का सेस लगा दिया है। एक्साइज से राज्यों को 41 फीसद हिस्सेदारी मिलती है, लेकिन सेस सौ फीसदी केंद्र के पास रहता है। ऐसे में राज्यों को केंद्रीय करों से मिलने वाली हिस्सेदारी में कमी आएगी। 

उन्होंने कहा कि हमने जो भी मांगें बजट से पूर्व राज्यों को वित्त मंत्रियों की बैठक में रखीं थी, उनमें से एक भी पूरी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हमें एग्रीकल्चर, बैंकिंग, कोविड और डिफेंस के मामले में वित्तीय मदद मिलने की उम्मीद थी लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री ने हमें निराश किया है। यही नहीं, पब्लिक सेक्टर जिसे बनाने में जनता का भारी पैसा लगा है आज उन्हें निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने केंद्र सरकार ने कोरोना समेत अन्य वायरस को लेकर एक बड़ा वायरलाजी सेंटर मांगा था ताकि वैज्ञानिक हमें इन वायरसों के पहले ही आगाह कर सकें, लेकिन यह भी नहीं दिया गया। पूरा बजट केवल उन राज्यों को ही समर्पित है जहां पर इस साल चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि नए-नए वायरस केवल हमारी सेहत को ही नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि आर्थिकता को भी चौपट कर देते हैं। 

मनप्रीत बादल ने पंजाब के कोयला आधारित ताप बिजली घरों की जगह गैस आधारित बनाने के लिए गैस पाइप लाइन को भी केंद्रीय बजट में पूरा न करने पर भी निराशा जताई। उन्होंने कहा कि कोयला आधारित बिजली उत्पादन होने के कारण ही राज्य में बिजली महंगी है। उन्होंने बताया कि कोयला दूसरे राज्यों से आने के कारण इसकी ढुलाई कोयले की कीमत से ज्यादा पड़ती है। बार्डर एरिया डेवलपमेंट फंड पंजाब को 90:10 में करने की मांग को भी केंद्र सरकार ने पूरा नहीं किया। 

केंद्रीय बजट पंजाबियों को दंडित करने वाला : शिअद

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि केंद्रीय बजट 2021 किसान, गरीब तथा आम आदमी विरोधी है। भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एकमात्र फोकस अपने कारपोरेट मित्रों को राष्ट्रीय संपत्ति बेचना है। केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बजट में पंजाबियों को तीनों काले कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करने लिए दंडित किया गया है।

बादल ने कहा कि ऐसे समय में जब किसानों के साथ-साथ समाज के विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों के लिए प्रत्यक्ष लाभ बढ़ाने की आवश्यकता थी, तब एनडीए सरकार पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों (पीएसयू) के विनिवेश पर ध्यान केंद्रित कर रही थी। अकाली नेता ने कहा कि इससे क्रोनी कैपिटलिज्म को और बढ़ावा मिलेगा क्योंकि कारपोरेट घराने पब्लिक सेक्टर को बड़े सस्ते दामों पर खरीदने के लिए तैयार हैं।

सुखबीर ने इस बात पर जोर देते हुए कि केंद्र सरकार को ऐसा चुनावी बजट पेश नहीं करना चाहिए जो केवल उन राज्यों के लिए है जिनमें चुनाव होने वाले हैं। इससे ऐसा विकास होगा जो राष्ट्रीय हित में नहीं है। उन्होंने सरकार से डिजिटल बजट तथा एटीएम निर्भर जैसे शब्दों के प्रचार से दूर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि बुनियादी हकीकत एकदम अलग है। किसान गरीब तथा मध्यम वर्ग सहित लोगों को तो इस बजट में शामिल भी नहीं किया गया हैं। 

केंद्रीय बजट जन विरोधी : आप

केंद्रीय बजट को आम आदमी पार्टी ने आम लोगों और पंजाब के खिलाफ करार दिया है। विपक्ष के नेता हरपाल ङ्क्षसह चीमा ने कहा कि यह बजट सिर्फ मोदी के मित्रों को ही लाभ पहुंचाने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि यह बजट महंगाई के साथ आम लोगों की समस्याएं बढ़ाने का काम करेगा। 

उन्होंने कहा कि आज किसानों के विकास के लिए सरकार की ओर से डीजल और पेट्रोल पर सैस लगाया जा रहा है, हैरानी की बात है कि सबसे ज्यादा डीजल का इस्तेमाल किसान करते हैं और उनके विकास के लिए उन पर ही सैस लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में नौजवानों को रोजगार देने के लिए भी कुछ नहीं रखा गया। बजट में पंजाब को बिल्कुल नजर अंदाज कर दिया गया है। पंजाब के लिए कोई भी राहत पैकेज नहीं ऐलान किया, जिससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ पक्षपात कर रही है। 

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