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Punjab: लॉरेंस बिश्नोई केस हो या ऑपरेशन लोटस... SIT के गठन तक ही सीमित है हाई प्रोफाइल मामलों की जांच

आम आदी पार्टी ने भाजपा पर उसके विधायकों को खरीदने के लिए 25-25 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया था। मामले में शिकायत करने वाले आप विधायकों के बयान दर्ज किए गए लेकिन अभी तक इस मामले में किसी तरह की कोई गिरफ्तार नहीं हुई। बठिंडा जेल में लारेंस बिश्नोई की ओर से एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू को लेकर भी मामले में एसआइटी का गठन किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 01 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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SIT के गठन तक ही सीमित है हाई प्रोफाइल मामलों की जांच (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ः राज्य के कई हाई प्रोफाइल मामलों में पुलिस की ओर एफआइआर दर्ज करने वाले निष्पक्ष जांच करने के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया गया, लेकिन इन की जांच बयान दर्ज करने और आरोपितों को समन भेजने तक ही सीमित है।

पुलिस की ओर से आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में एसआइटी का गठन किया गया है। लेकिन इन मामलों में न तो कोई नई गिरफ्तारी हुई है और न ही जांच आगे बढ़ पाई है। राज्य के बहुत चर्चित आपरेशन लोटस में केस दर्ज हुए करीब एक साल होने को आया है।

इस मामले में आम आदी पार्टी ने भाजपा पर उसके विधायकों को खरीदने के लिए 25-25 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया था। मामले में शिकायत करने वाले आप विधायकों के बयान दर्ज किए गए लेकिन अभी तक इस मामले में किसी तरह की कोई गिरफ्तार नहीं हुई। बठिंडा जेल में लारेंस बिश्नोई की ओर से एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू को लेकर भी मामले में एसआइटी का गठन किया गया।

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एसआइटी प्रमुख को दो बार बदला गया, लेकिन इस मामले में कौन आरोपित है। इस का पता अभी तक नहीं चला। इस मामले में एक माह में जांच पूरी करने की बात कहीं गई थी लेकिन इस मामले में एसआइटी गठित हुए भी चार माह से ज्यादा होने को आए है। कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

जांच आगे नहीं बढ़ पाई है...

इस मामले में भी एक साल होने को आया है। लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। पिछले साल कांग्रेस के तीन दर्जन से ज्यादा विधायक पूर्व विधायकों पर चंडीगढ़ पुलिस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान आवास पर धरना देने को लेकर गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

इस मामले में भी जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। मुक्तसर में वकील से अमानवीय व्यवहार करने की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की ओर से जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा ओर भी कई मामलों में जांच कमेटियां बनाई गई लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ पाई।

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