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पंजाब में बादल और कैप्टन परिवार की साख दांव पर, हरसिमरत कौर को चौथी तो परनीत कौर को पांचवीं जीत की तलाश

Punjab Lok Sabha Election 2024 पंजाब में पटियाला लोकसभा सीट से भाजपा नेता परनीत कौर चुनाव लड़ेंगी। वहीं बठिंडा से शिअद की ओर से सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से चुनाव से लड़ रही हैं। ऐसे में बादल और कैप्टन दोनों परिवारों की साख दांव पर है। देखना है कि क्या हरसिमरत अपनी चौथी और परनीत कौर पांचवीं जीत अख्तियार कर सकेंगी।

By Kailash Nath Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 23 Apr 2024 04:06 PM (IST)
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Punjab Lok Sabha Election 2024: हरसिमरत कौर को चौथी तो परनीत कौर को पांचवीं जीत की तलाश
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Punjab Lok Sabha Election 2024: पंजाब में वैसे तो अभी तक चुनाव मैदान में 6 महिला उम्मीदवार उतर चुकी हैं। लेकिन सबकी नजर दो बड़े घरानों पर टिकी हुई है। 57 वर्षों से शाही खानदान (कैप्टन अमरिंदर सिंह का) और बादल परिवार के बीच द्वंद चलता रहा है।

इस बार भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर पटियाला (Parneet Kaur Contest from Patiala) से अपनी नई पार्टी भाजपा से चुनाव लड़ रही है, तो शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से चुनाव (Harsimrat Kaur Badal Contest From Bathinda) लड़ रही है।

परनीत कौर को अपनी पांचवीं तो हरसिमरत कौर को चौथी जीत की तलाश है। इस बार के लोक सभा चुनाव में दोनों प्रत्याशियों की जीत की राह आसान नहीं दिख रही है।

परनीत और हरसिमरत के परिवार में कई बातें कॉमन

अहम बात यह है कि दोनों ही प्रत्याशियों के परिवार में कई समानता भी है। साल 2022 के विधान सभा चुनाव में कैप्टन और सुखबीर बादल अपना चुनाव हार गए थे। परनीत कौर मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री थी तो हरसिमरत कौर बादल दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी है।

हरसिमरत बठिंडा से जीत की हैट्रिक लगा चुकी है तो परनीत पटियाला से चार बार सांसद रही है। अंतर यह है कि परनीत कांग्रेस से भाजपा में आई और अब उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. धरमवीर गांधी से है। वहीं, हरसिमरत कौर बादल का मुकाबला पूर्व आईएएस अधिकारी व अकाली नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर से है।

प्रकाश सिंह बादल की बहू हैं हरसिमरत कौर

हरसिमरत कौर बादल पांचवीं बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू हैं। बादल ने 1947 में ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। वह 1957 में पहली बार विधान सभा पहुंचे। जबकि इसके दस साल बाद 1967 में पटियाला के शाही खानदान ने राजनीति में कदम रखा।

कैप्टन की मां महारानी मोहिंदर कौर 1967 में पहली बार सांसद चुनी गई। तब से ही इन दोनों खानदानों के बीच पंजाब का राजनीति घूमती रही है।

परनीत का अंतिम चुनाव

बादल और कैप्टन परिवार की साख इसलिए भी दांव पर है। क्योंकि 79 वर्षीय परनीत कौर का यह अंतिम चुनाव है। परनीत कौर पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ रही है। पटियाला सीट पर कैप्टन परिवार 10 लोक सभा चुनाव लड़ चुका है। इसमें से 6 बार उन्हें जीत मिली और 4 बार हार।

परनीत का मुकाबला कांग्रेस के डॉ. धरमवीर गांधी से है, जिन्होंने परनीत को 2014 के चुनाव में हराया था, शिअद के प्रत्याशी एनके शर्मा जोकि डेरा बस्सी से विधायक रह चुके हैं और हिंदू नेता है और आप के मंत्री डॉ. बलबीर सिंह से है।

हरसिमरत कौर परिवार की एक मात्र उम्मीदवार

वहीं, हरसिमरत कौर का मुकाबला सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर से और शिअद से ही कांग्रेस में गए जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू और आप के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुडिया से है। हरसिमरत कौर बादल परिवार से एक मात्र उम्मीदवार हैं। क्योंकि सुखबीर बादल इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे है।

साल 2015 में हुए बेअदबी की घटना के बाद शिअद लगातार हाशिये पर चल रहा है। ऐसे में हरसिमरत कौर पर अपनी जीत का परचम लहराने का बेहद दबाव है। क्योंकि उनकी जीत से बादल परिवार का पार्टी में दबदबा बना रह सकता है।

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