पठानकोट भूमि घोटाले में नाम आने के बाद कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक दें इस्तीफा- प्रताप सिंह बाजवा
कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक अब नई मुसीबत में फंस गए हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा का कहना है कि पठानकोट भूमि घोटाले में कटारूचक की भूमिका सामने आई है। इस वजह से उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी केंद्रीय एजेंसी से पूरे मामले की जांच करवानी चाहिए। जांच पूरी होने तक कटारूचक को सरकारी कामकाज से दूर रहना चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 08 Aug 2023 09:55 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पठानकोट भूमि घोटाले में कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक का नाम आने पर उनके इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले की पूर्ण और निष्पक्ष जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जानी चाहिए।
बाजवा ने कहा कि यह कटारूचक ही थे जिन्होंने कथित तौर पर इसी घोटाले में शामिल दागी डीडीपीओ कुलदीप सिंह को पठानकोट के अतिरिक्त उपायुक्त के रूप में तैनात करने में मदद की थी। कटारूचक ने उक्त पोस्टिंग की सुविधा के लिए तत्कालीन ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को एक अर्ध-सरकारी (डीओ) पत्र लिखा था।
'जांच होने तक सरकारी कामकाज से दूर रहें मंत्री'
उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि कटारूचक दागी डीडीपीओ के साथ मिलकर काम कर रहे थे, इसलिए कैबिनेट मंत्री द्वारा पठानकोट भूमि घोटाले की जांच में बाधा डालने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बाजवा ने कहा कि जांच पूरी होने तक उन्हें कम से कम सरकारी कामकाज से दूर रहना चाहिए।बाजवा ने कहा कि कटारूचक ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम द्वारा की जा रही जांच को पटरी से उतारने के लिए अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया। परिणामस्वरूप, पीड़ित को झुकना पड़ा और अपनी शिकायत वापस ले ली।
'SIT ने पीड़िता पर डाला अनुचित दबाव'
बाजवा ने आगे कहा कि गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने पीड़िता और उसके परिवार पर शिकायत वापस लेने के लिए अनुचित दबाव डाला था, हालांकि पंजाब के राज्यपाल द्वारा की गई फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन शोषण का वीडियो छेड़छाड़ नहीं की गई।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो खुद को ईमानदारी का ध्वजवाहक मानते हैं, को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और कटारूचक को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर करना चाहिए। इस बीच कटारूचक का नाम एक और गलत काम में सामने आया है। उनके पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए, केंद्रीय एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच शुरू होने से पहले उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए।
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