Punjab: मनरेगा लोकपाल ने की पटियाला नोडल ऑफिसर पूजा गोयल के तबादले की सिफारिश, कई आरोपों से घिरी हैं अधिकारी
Punjab महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) लोकपाल ने पटियाला की नोड़ल अफसर के तबादले की सिफारिश की है। विभाग की ओर से आरोपित पूजा गोयल के मामले में जांच को लेकर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया था लेकिन रिपोर्ट तैयार करने में चार माह का समय लग गया। क्योंकि गोयल ने जांच में सहयोग नहीं किया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) लोकपाल ने पटियाला की नोड़ल अफसर के तबादले की सिफारिश की है। लोकपाल की ओर से संयुक्त विकास कमिश्नर ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग पंजाब को भेजे पत्र लिखा है कि जिला पटियाला की नोडल अफसर पूजा गोयल पर कई तरह के आरोप थे।
उन्हें आरोपों को लेकर सफाई देने का समय दिया गया लेकिन किसी भी आरोप का समय पर जवाब नहीं दिया। लोकपाल की ओर से कहा गया कि विभाग की ओर से आरोपित पूजा गोयल के मामले में जांच को लेकर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया था लेकिन रिपोर्ट तैयार करने में चार माह का समय लग गया। क्योंकि गोयल ने जांच में सहयोग नहीं किया।
जल्द से जल्द करवाया जाए ऑडिट: लोकपाल
लोकपाल ने सुझाव दिया है कि पूजा गाेयल का दूसरे जिले में तबादला किया जाए जिस के बाद एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का गठन किया जा। यह टीम के जरिए दफ्तर के स्टॉक और स्टोर, बैंक खातों व अन्य रिकार्ड की जांच के साथ साथ विभाग ऑडिट करवाया जाए। लोकपाल ने कहा है कि अगर ऑडिट करवाया गया तो एक बड़ा घोटाला निकल सकता है। इसके लिए इसे जल्दी से जल्दी अमल में लाया जाए।दुर्व्यवहार समेत लगे कई आरोप
पूजा गोयल पर आरोप है कि हेड ऑफिसर की मंजूरी के बिना निचले स्तर पर अपने वेतन में बढ़ोतरी करवाई और वित्तिय नुकसान पहुंचाया। विभाग की ओर से निर्देश थे कि बिना वेतन के मातृत्व अवकाश दिया जाए लेकिन गोयल ने अपने दोनों बच्चों की डिलीवरी के लिए वेतन लिया। गोयल पर दफ्तरी रिकार्ड से छेड़छाड़ करने का आरोप, सहयोगी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार, कर्मचारियों की अपने तरीके से तैनाती करने के आरोप सहित कई आरोप है। कर्मचारियों से मनमाने तरीके से काम लेती है।
नरेगा सैल के कर्मचारी हर समय झेलते हैं मानसिक दबाब
मनरेगा लोकपाल ने अपनी सिफारिश में कहा है कि गोयल तानाशाही तरीके से काम करती है। वह उच्च अधिकारियों से तथ्यों को छुपा कर फैसले अपने पक्ष में करवाती है। इस का नतीजा यह है कि नरेगा सैल के कर्मचारी हर समय मानसिक दबाब में रहते है। लोकपाल ने कहा है कि गाेयल जब तक इस जिले में तैनात रहेगी तब तक किसी भी पक्ष को पारदर्शी तरीके से नहीं सुना जा सकता न ही पड़ताल की जा सकती है। इस लिए तबादला जरूरी है।यह भी पढ़ें- Shimla: खत्म हुआ स्केटिंग प्रेमियों का इंतजार, Ice Skating रिंक में आज होगा जिमखाना और कार्निवल; 6 साल बाद हो रहा कार्यक्रमयह भी पढ़ें- Himachal: युवाओं को अब आसानी से मिल सकेगी नौकरी से जुड़ी हर जानकारी, मुख्यमंत्री सुक्खू ने की EEMIS सुविधा की शुरुआत
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