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Punjab Minister's Portfolio: नए मंत्रियों को मिले विभाग, कुछ पुराने मंत्रियों के विभागों में बदलाव, पढ़ें किसको क्या मिला

Punjab Ministers Portfolio पंजाब की भगवंत मान सरकार की कैबिनेट का विस्तार हो गया है। मंत्रिमंडल में पांच और मंत्रियों को शामिल किया गया है। भगवंत मान ने नए मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया है। कुछ पुराने मंत्रियों के विभाग भी बदले गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 05 Jul 2022 02:54 PM (IST)
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पंजाब की भगवंत मान सरकार की कैबिनेट के नए मंत्री। फोटो- आप के ट्विटर अकाउंट से
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने नए बने पांच मंत्रियों को विभाग बांट दिए हैं। साथ ही 6 पुराने मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया गया है। सबसे बड़ा बदलाव शिक्षा विभाग में देखने को मिला है। गुरमीत सिंह मीत हेयर से स्कूली शिक्षा वापस लेकर हरजोत बैंस को दी गई है।

वित्तमंत्री हरपाल चीमा से मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग ले लिया है। यह विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री के पास ही रहेगा। वहीं, चेतन सिंह जोड़ामाजरा पंजाब के नए स्वास्थ्य मंत्री होंगे, जबकि डा. इंदरबीर निज्जर स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी देखेंगे। पहले यह माना जा रहा था कि डाक्टर होने के कारण मुख्यमंत्री उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।

पंजाब सरकार ने न सिर्फ नए बने मंत्रियों को विभाग आवंटित किए, बल्कि सीनियर मंत्रियों के विभागों में भी थोड़ा-थोड़ा बदलाव किया गया है। जिन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया है उनमें हरपाल चीमा, गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत भुल्लर, ब्रह्म शंकर जिंपा और हरजोत बैंस शामिल हैं।

बता दें, पंजाब के सीएम भगवंत मान के मंत्रिमंडल का सोमवार को 107 दिन बाद विस्तार किया गया। आज सभी मंत्रियों को विभाग दे दिए गए। सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल मंत्रियों की संख्या 15 हो गई है।

नए मंत्रियों में सुनाम से दूसरी बार विधायक चुने गए अमन अरोड़ा के अलावा पहली बार चुनाव जीतने वाले अमृतसर दक्षिण के विधायक डा. इंदरबीर सिंह निज्जर, गुरुहरसहाय के विधायक फौजा सिंह सरारी, समाना के विधायक चेतन सिंह जोड़ामाजरा और खरड़ से महिला विधायक अनमोल गगन मान शामिल हैं।

आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव जीतने वाले विधायकों पर ज्यादा भरोसा जताया है। वित्त मंत्री हरपाल चीमा और शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर के बाद अमन अरोड़ा ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने लगातार दो बार चुनाव जीता है। जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान के अलावा 11 मंत्री पहली बार विधायक बने हैं।

मंत्रियों के विभाग

  1. हरपाल सिंह : वित्त, योजना, कार्यक्रम कार्यान्वयन, उत्पाद शुल्क और कराधान
  2. डा. बलजीत कौर : सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास
  3. हरभजन सिंह : लोक निर्माण (बी एंड आर), शक्ति
  4. लाल चंद : खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, वन, वन्यजीव
  5. गुरमीत सिंह मीत हेयर: शासन सुधार, प्रिंटिंग और स्टेशनरी, विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण, खेल एवं युवा सेवा, उच्च शिक्षा
  6. कुलदीप सिंह धालीवाल : ग्रामीण विकास, एनआरआइ मामले, कृषि और किसान कल्याण
  7. लालजीत भुल्लर : परिवहन, पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास
  8. ब्रम शंकर : राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन, जल आपूर्ति और स्वच्छता
  9. हरजोत सिंह बैंस : जल संसाधन, खान और भूविज्ञान, जेल, स्कूली शिक्षा
  10. अमन अरोड़ा : सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग, नई और नवीकरणीय ऊर्जा साधन, आवास और शहरी विकास
  11. डा. इंदरबीर सिंह निज्जर : स्थानीय निकाय, संसदीय कार्य, भूमि का संरक्षण एवं जल, प्रशासनिक सुधार
  12. फौजा सिंह : स्वतंत्रता सेनानी, रक्षा सेवा कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी
  13. चेतन सिंह जौरामाजरा : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, चुनाव
  14. अनमोल गगन मान : पर्यटन और संस्कृति कार्य, निवेश प्रोत्साहन, श्रम
संसदीय क्षेत्र संगरूर की सरदारी कायम

मान सरकार में अमन अरोड़ा और डा. निज्जर को मंत्री पद मिलने के बाद जिला संगरूर और अमृतसर से मान मंत्रिमंडल में तीन-तीन मंत्री हो गए हैं। वहीं संसदीय क्षेत्र की बात करें तो मंत्रिमंडल में संगरूर की सरदारी कायम हो गई है।

मुख्यमंत्री मान, वित्त मंत्री हरपाल चीमा, शिक्षा मंत्री मीत हेयर और नए मंत्री अमन अरोड़ा इसी संसदीय क्षेत्र के अधीन आतीं विधानसभा सीटों से चुनाव जीते हैं। इसके अलावा मंत्रिमंडल में फिरोजपुर, मोहाली और पटियाला जिलों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार मुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री बना सकती है। इस लिहाज से अभी तीन और मंत्री बनाए जा सकते हैं।

पुलिस इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए सरारी बने मंत्री

मंत्री फौजा सिंह सरारी 1982 में ग्रेजुएशन करने के बाद 1984 में पुलिस में भर्ती हो गए थे। करीब 38 वर्ष तक पुलिस में सेवाएं देने के बाद 2020 में बठिंडा से इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए। 2022 में आप ने उन्हें टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था और उन्होंने जीत दर्ज की। आप ने सरारी को मंत्री बनाकर राय सिख बिरादरी को प्रतिनिधित्व दिया है।

अपहर्ताओं से भिड़े थे जोड़ामाजरा, गर्दन के पास लगी थी गोली

मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा पेशे से कृषक हैं। मार्च 2019 में उन्हें अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी। दरअसल, तरनतारन में कुछ लोग एक युवती के अपहरण की कोशिश कर रहे थे तो युवती को बचाने के लिए जोड़ामाजरा उनसे भिड़ गए। अपहरण की कोशिश करने वालों ने उनकी गर्दन के पास गोली मार दी थी।

पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे अरोड़ा

विधानसभा चुनाव पूरे प्रदेश में सर्वाधिक 75277 वोट के अंतर से जीत दर्ज करने वाले मंत्री अमन अरोड़ा अपने पिता की राजनीतिक को आगे बढ़ाएंगे। उनके पिता दिवंगत कांग्रेस नेता भगवान दास अरोड़ा के निधन के 22 वर्ष बाद अमन अरोड़ा को मंत्री पद मिला है। पेशे से बिजनेसमैन अमन दूसरी बार सुनाम से चुनाव जीते हैं। उनके पिता 1995 में कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।

सीकेडी के अध्यक्ष भी हैं मंत्री डा. निज्जर

मंत्री डा. इंदरबीर सिंह निज्जर एसजीपीसी के बाद सिखों की दूसरी बड़ी संस्था चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से एमडी रेडियो डायग्नोस्टिक की शिक्षा हासिल करने के बाद 1980 में जम्मू कश्मीर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की। वह अपना स्कै¨नग सेंटर चलाते हैं। डा. निज्जर 2017 में भी चुनाव लड़े थे लेकिन जीत नहीं पाए।

गायकी के रास्ते राजनीति में प्रवेश, मिला मंत्री पद

मंत्री अनमोल गगन मान मूलरूप से जिला मानसा के गांव खिलण की रहने वाली हैं। गायकी से करियर की शुरुआत करने वाली अनमोल वहलंबे समय से मोहाली में रह रहीं हैं और खरड़ से विधायक चुनी गईं। वह आप के यूथ विंग की प्रदेश उप अध्यक्ष भी रह चुकीं हैं। किसान परिवार में पैदा हुईं अनमोल ने गायकी से राजनीति में कदम रखा और अब मंत्री बन गई हैं।

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