Punjab News: दिवंगत प्रकाश सिंह बादल से सीख लें CM भगवंत मान, ऐसा क्यों बोले सुखबीर बादल? जानिए क्या है मामला
Punjab News शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने सीएम भगवंत मान को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत मान को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। पंजाब के विकास के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करनी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण की जानबूझकर उपेक्षा करने और नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआइ) के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मुख्यमंत्री के नाकाम रहने पर गहरी चिंता जताई है।
सुखबीर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री को पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने दक्षिणी बाईपास के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए किसानों को 1.93 करोड़ रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया था।
अब सात साल से अधिक समय के बाद आप सरकार उत्तरी बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों को केवल 30 लाख रुपये प्रति एकड़ दर के पैसे दे रही है।
अकाली सरकार के लिए विकास प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति है, जहां आप सरकार किसानों को कम पैसे की पेशकश कर रही है, जिससे राजमार्ग परियोजना खतरे में पड़ गई है, जो राज्य के विकास से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पूर्व अकाली सरकार ने राजमार्ग विकास को नंबर एक प्राथमिकता बनाया था और 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजना को सफलतापूर्वक विकसित किया था।
कर्तव्यों का पूरी लगन से पालन करें सीएम मान
उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि आपको इसे नकारने के बजाय इस विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए। बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और पंजाब के विकास के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पूरी लगन से पालन करना चाहिए।
भावी पीढ़ी को खतरे में डाला सीएम मान
बादल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पंजाब के विकास से समझौता किया है। इससे भावी पीढ़ी को खतरे में डाला है, जिसके कारण 3263 करोड़ रुपये की 104 किलोमीटर की तीन परियोजनाओं रद हो चुकी हैं और 293 किलोमीटर लंबी और 14,288 करोड़ रुपये की लागत वाली आठ अन्य परियोजनाओं पर रद होने का खतरा मंडरा रहा है।
बादल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किस तरह मुख्यमंत्री द्वारा शासन और कानून व्यवस्था की स्थिति को इस हद तक बिगड़ने दिया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की परियोजना को फिर से प्राप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए कहने के लिए मजबूर होना पड़ा है।