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Punjab News: BSF के क्षेत्राधिकार में विस्तार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नहीं छीनी पंजाब पुलिस की शक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के तलाशी जब्ती और पकड़ने के अधिकार क्षेत्र का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किये जाने का विरोध कर रही पंजाब सरकार से मौखिक टिप्पणियों में शुक्रवार को कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने में पंजाब पुलिस के अधिकार और शक्तियों को नहीं छीना गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Fri, 01 Dec 2023 09:06 PM (IST)
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BSF के क्षेत्राधिकार में विस्तार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नहीं छीनी पंजाब पुलिस की शक्ति
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के तलाशी, जब्ती और पकड़ने के अधिकार क्षेत्र का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किये जाने का विरोध कर रही पंजाब सरकार से मौखिक टिप्पणियों में शुक्रवार को कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने में पंजाब पुलिस के अधिकार और शक्तियों को नहीं छीना गया है। 

मामले में कोर्ट जनवरी में फिर सुनवाई करेगा

कोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस से कुछ भी नहीं छिना है, उसकी जांच की शक्ति नहीं ली गई है। हालांकि पंजाब सरकार का केंद्र सरकार के खिलाफ मूलवाद दाखिल होने के कारण कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की बात कहते हुए दोनों पक्षों से साथ बैठ कर कोर्ट के विचार के लिए बिंदु तैयार करने को कहा है। मामले में कोर्ट जनवरी में फिर सुनवाई करेगा। 

पंजाब सरकार ने किया था विरोध

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ये टिप्पणियां तब कीं जब पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील ने पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किये जाने का विरोध किया। पंजाब सरकार की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार का ऐसा करना संघवाद की व्यवस्था के खिलाफ है। वकील ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और पंजाब छोटा सा प्रदेश है 50 किलोमीटर का दायरा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में देने का मतलब है कि पंजाब राज्य का ज्यादातर हिस्सा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगा। 

15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया

हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार से राज्य पुलिस की किसी शक्ति को नहीं छीना गया है। वहां सुपरमेसी के साथ दोनों को समवर्ती अधिकार प्राप्त हैं। राज्य की पुलिस संज्ञेय अपराधों की जांच कर सकती है। सालिसिटर जनरल ने यह भी कहा कि पूरे देश में सीमावर्ती राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को विस्तारित कर 50 किलोमीटर किया गया है। 

नहीं छीनी गई पंजाब पुलिस की कोई शक्ति

गुजरात और राजस्थान में भी ऐसा किया गया है यहां तक कि पूर्वी राज्यों में भी ऐसा है। जबकि पंजाब सरकार का कहना था गुजरात और राजस्थान बड़े राज्य हैं वहां स्थिति दूसरी है लेकिन पंजाब छोटा है यहां का ज्यादातर हिस्सा बीएसएफ के क्षेत्राधिकार में आ गया है। दोनों को सुनने और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार की केंद्र सरकार की अधिसूचना देखते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि बीएसएफ के क्षेत्राधिकार विस्तार से पंजाब पुलिस की कोई शक्ति नहीं छिनी है। राज्य पुलिस की अपराधों की जांच करने की शक्ति नहीं ली गई है। 

राज्य पुलिस जांच कर सकती है, लेकिन पंजाब के वकील का कहना था कि कोर्ट मामले पर विचार करें क्योंकि इसका संघीय व्यवस्था पर असर पड़ता है। पीठ ने कहा कि चूंकि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ मूल वाद दाखिल किया है इसलिए कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा। पीठ को बताया गया कि मामले में उत्तर प्रतिउत्तर दाखिल करने और प्लीडिंग का काम पूरा हो चुका है। कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष आपस में साथ बैठ कर कोर्ट के विचार के बिंदु तैयार कर लें। 

गुजरात में BSF का क्षेत्राधिकार 80 किलोमीटर था, अब 50 है

पंजाब सरकार ने इस मामले में दाखिल मूल वाद में कहा है कि सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र में विस्तार राज्य सरकार के संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई 2014 में अधिसूचना जारी की थी जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को विस्तारित कर 50 किलोमीटर कर दिया था। इसमें पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ का क्षेत्राधिकार 15 किलोमीटर से बढ़कर 50 किलोमीटर हो गया था और गुजरात में बीएसएफ का क्षेत्राधिकार 80 किलोमीटर था, जिसे घटा कर 50 किलोमीटर किया गया था और राजस्थान में 50 किलोमीटर को वैसा ही रखा गया था।वास्तव में सभी जगह बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। इसी को पंजाब ने चुनौती दी है। 

इसके मुकदमे के अलावा पंजाब ने केंद्र सरकार के खिलाफ मार्केट फीस और रूरल डेवलपमेंट फीस की प्रतिपूर्ति से इनकार को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने इस मामले में भी दोनों पक्षों को सुनवाई के बिंदु तैयार करने को कहा है।

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