जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। पंजाब चुनाव आयोग ने मुक्तसर के विधानसभा हलका गिद्दड़बाहा के 20 गांवों में पंचायत चुनावों को तुरंत प्रभाव से रद कर दिया है। पंजाब चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आदेशों में उक्त मामले की जानकारी दी गई है। ये फैसला नामांकन वापस लेने को लेकर हुए फर्जीवाड़े के आधार पर लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, नामांकन और पर्चा वापस लेने के दौरान फार्म पर किए गए हस्ताक्षर मैच नहीं कर रहे थे। जिसके चलते 20 गांवों में पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई है। वहीं उक्त गांवों में जहां सर्वसम्मति से पंचायत चुनने का दावा किया गया है, उसे भी निरस्त कर दिया गया है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि 15 अक्टूबर को पंचायत चुनाव के बाद गिद्दड़बाहा के उक्त गांवों में चुनाव प्रक्रिया पर फैसला लिया जाएगा।
गिद्दड़बाहा के 20 गांवों में चुनाव पर रोक
जानकारी के अनुसार, लगातार शिकायतें मिलने के बाद राज्य चुनाव आयोग की ओर से जिला मुक्तसर के पांच अधिकारियों को तलब किया था।जिसमें सुरिंदर सिंह ढिल्लों एडीसी (डी), जसपाल सिंह बराड़ एसडीएम गिद्दड़बाहा, रंकित कुमार एक्सईएन पीडब्ल्यूडी,परपूरन सिंह एआरसीएस, सुखजीत सिंह एक्सईएन, दविंदर सिंह एसडीई पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), अर्शदीप सिंह एसडीओ जल संसाधन शामिल थे।
पूछताछ के दौरान पूछे जाने पर आरओ ने स्वीकार किया कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी। हालांकि उक्त अधिकारियों ने उन पर लगे आरोपों को नकारा है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने पड़ताल के बाद गिद्दड़बाहा के 20 गांवों में चुनाव पर रोक लगा दी है।
कांग्रेस-अकाली दल ने चुनाव आयोग की थीं शिकायतें
उल्लेखनीय है कि गिद्दड़बाहा में पिछले दिनों 29 पंचायतों को सर्वसम्मति से चुन लेने का पंचायत विभाग व जिला प्रशासन की ओर से दावा किया गया था।
उधर, दूसरी तरफ कांग्रेस और अकाली दल ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि आप सरकार ने अधिकारियों के साथ कथित मिलीभगत कर धक्केशाही व फर्जीवाड़ा करके विरोधियों के नामांकन रद कर दिए हैं और पंचायतों को सर्वसम्मति से चुन लेने की घोषणा की है।वहीं कांग्रेस व शिअद ने आरोप लगाया था कि उनके अधिकांश सरपंच व पंच पद के दावेदारों को सिंबल अलाट हो गए थे, लेकिन बाद में फिर से उन्हें रद कर दिया गया।
एसडीएम दफ्तर गिद्दड़बाहा के बाहर धरना
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने दो दिन गिद्दड़बाहा के एसडीएम कार्यालय और बुधवार की रात को हाईवे पर रात भर धरना दिया। इसके बाद शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने बुधवार को पहले डीसी दफ्तर मुक्तसर व फिर शुक्रवार को एसडीएम दफ्तर गिद्दड़बाहा के बाहर धरना दिया था।कांग्रेस और अकाली दल ने डीसी राजेश त्रिपाठी व एसडीएम गिद्दड़बाहा जसपाल सिंह के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग को शिकायत करने के साथ साथ हाईकोर्ट में भी याचिकाएं दायर की थी। जिसके बाद राज्य हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में 270 पंचायतों के चुनाव पर रोक लगा दी थी।
अब राज्य चुनाव आयोग ने गिद्दड़बाहा की 24 पंचायतों के चुनाव पर रोक लगा दी है। बता दें कि गिद्दड़बाहा की 67 याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है, उसमें भी गिद्दड़बाहा की और पंचायतों पर चुनाव करवाने की रोक लगने की संभावना है ।
इन गांवों में चुनाव किया रद
आशा बुट्टर, दादू मोहल्ला मल्लां, खिड़कियांवाला, वाड़ा किशनपुरा, लोहारा, बुट्टर सरींह, कोठे हजूरे वाले, कोठे ढाबा, कोठे केसर सिंह वाला, भारू, दौला, कोठे हिम्मतपुरा, भुंदड़, लुंडेवाला, समाघ, मन्नियांवाला, सेखा, खुन्नन खुर्द, मधीर, बुट्टर बखुआं का चुनाव कार्यक्रम, जो सभी ब्लाक गिद्दड़बाहा में आते हैं, तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया है।
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार इन गांवों में उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचित होने की कोई भी घोषणा अमान्य घोषित की जाती है। चूंकि चुनाव प्रक्रिया बीच में है, नामांकन दाखिल करने की अवधि समाप्त हो गई है और मतदान 15 अक्टूबर के लिए शीघ्र ही निर्धारित किया गया है।इसलिए आयोग उक्त 24 ग्राम पंचायतों के लिए एक नया चुनाव कार्यक्रम जारी करेगा,जिसकी तारीख बाद में दी जाएगी। ग्राम पंचायतों में वर्तमान आम चुनाव सम्पन्न होने के पश्चात नामांकन पत्र दाखिल किया जाएगा।
यदि किसी भी उम्मीदवार ने पंजाब पंचायत चुनाव नियम, 1994 के अनुसार 100 रुपए (अथवा अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के मामले में 50 रुपए) का नामांकन शुल्क अदा किया है और वे आयोग द्वारा घोषित तिथि पर पुनः चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें नामांकन शुल्क अदा करने से छूट दी जाएगी।
राजा वड़िंग ने जताया आभार
चुनाव रद्द किए जाने पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना सीट से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा- गिद्दड़बाहा के लोगों को बधाई हो। जो कि आप सरकार द्वारा धक्का किया गया, इस पर चुनाव आयोग ने दशहरे पर बड़ा फैसला लिया है।
ये हमारी जीत है और हम सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। पंजाब के किसी भी व्यक्ति के साथ पंजाब में धक्का नहीं होने दिया जाएगा।
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