Punjab News: किसानों का 4 घंटे प्रदेशभर में हाईवे पर धरना, लोग बेहाल; अन्नदाता के आगे झुके ‘भगवान’ फिर भी नहीं माने
पंजाब में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। धान की खरीद न होने के मुद्दे पर किसान संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। शुक्रवार को राजेवाल गुट ने राज्य भर में हाईवे पर धरना दिया जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों की हठधर्मिता के कारण एक एंबुलेंस और एक शव वाहन को भी रास्ता नहीं दिया गया।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब में सक्रिय 32 किसान संगठनों में इन दिनों धान की खरीद न होने के मुद्दे को लेकर राजनीति जोरों पर है। एकता न होने से किसान नेता आए दिन नेशनल हाईवे जाम कर रहे हैं। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) से जुड़े राजेवाल गुट ने राज्य भर में सुबह 11 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक हाईवे पर धरना दिया।
लंबा जाम लगने से लोग परेशान होते रहे। पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट भी किया, लेकिन फिर भी कई जगह दो से तीन किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लगी रहीं। लोग ‘हठताल’ पर अड़े किसानों को कोसते रहे। जालंधर में एक डाक्टर ने किसानों के पैरों में पड़कर रास्ता भी मांगा, लेकिन वे नहीं माने। जालंधर में एक एंबुलेंस भी जाम में फंस गई। पहले तो किसानों ने रास्ता नहीं दिया, लेकिन जब मरीज की हालत बिगड़ी तो आनन-फानन में रास्ता दिया गया।
एक शव वाहन को भी अंतिम संस्कार के लिए नहीं जाने दिया गया। जालंधर जिले के भोगपुर और होशियारपुर जिले के दसूहा में किसानों ने जालंधर-जम्मू और होशियारपुर-जम्मू नेशनल हाईवे पर धरना तीन बजे के बाद भी नहीं हटाया। पुलिस व प्रशासन के प्रयास से भोगपुर में किसानों ने शाम छह बजे और दसूहा में रात दस बजे रास्ता खोला।
जाम में फंसे लोग किसानों को कोसते रहे। राजेवाल गुट ने जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, तरनतारन, बठिंडा, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, फाजिल्का, रूपनगर, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर, कपूरथला, फिरोजपुर, मोगा और नवांशहर में हाईवे पर धरना दिया।
यूनियनों की चौधराहट की राजनीति में पिसी जनता
किसान यूनियनों की चौधराहट की राजनीति में जनता पिस रही है। जनता की टीस राज्य सरकार भी समझ नहीं रही है, बल्कि किसानों की आपसी खींचतान की आग में घी डाल रही है। दरअसल, राज्य में 32 किसान संगठन हैं। नाराजगी इसलिए है कि उनकी अनदेखी कर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) व भारतीय किसान यूनियन उगराहां को ही बातचीत के लिए बुलाती है।पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) ने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी तो सीएम ने बातचीत के लिए बुलाया। किसान संगठन अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। धान खरीद मामले में केंद्र सरकार की भूमिका भी सही दिखाई नहीं पड़ रही है।दस दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धान खरीद न होने का मुद्दा केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के सामने रखा था, लेकिन समाधान नहीं निकला। पंजाब की मंडियों में धान के अंबार लगे हैं। लिफ्टिंग नहीं होने से नया माल लाने के लिए जगह नहीं है। अभी 25 प्रतिशत ही अनाज आ पाया है। मात्र 12 से 14 प्रतिशत की ही लिफ्टिंग हुई है। फतेहगढ़ साहिब के गांव डडियाणा के अवतार संधू के घर में तीन ट्रालियां धान की भरी खड़ी हैं। रिश्तेदारों से दो ट्रालियां उधार ली हैं। अब वे ट्राली मांग रहे हैं। उन्हें भी धान मंडी ले जाना है।
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