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Punjab News: ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर, SGPC ने शिअद नेता वल्टोहा को मर्यादा में रहने की दी हिदायत

एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। उन्होंने पूर्व अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा को मर्यादा में रहने की हिदायत दी है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सिखों के सर्वोच्च तख्तों के जत्थेदारों के सम्मान को कमजोर करने वालों के खिलाफ अगर शिकायत आई तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 18 Oct 2024 08:49 AM (IST)
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Punjab News: SGPC ने शिअद नेता वल्टोहा को मर्यादा में रहने की दी हिदायत।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने वीरवार को तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया। साथ ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा को मर्यादा में रहने की हिदायत दी।

वहीं, अकाली नेता श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलए व वल्टोहा के बयान के लिए माफी मांगी।

बता दें ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने वल्टोहा के आरोपों से आहत होकर बुधवार शाम इस्तीफा दे दिया था। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने एसजीपीसी को इस्तीफा मंजूर नहीं करने का आदेश दिया था। एसजीपीसी अध्यक्ष धामी ने कहा कि सिख कौम को ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं की अभी बेहद जरूरत है।

'दोनों पक्ष मिलकर विवाद सुलझाएं'

ज्ञानी हरप्रीत सिंह जत्थेदार रहकर कौम की अगुआई करते रहें। धामी ने पूर्व अकाली नेता वल्टोहा को हिदायत दी कि वह मर्यादा में रहें। दोनों पक्ष मिलकर विवाद सुलझाएं और आपत्तिजनक निजी टिप्पणियां न करें। उन्होंने कहा कि देश में सक्रिय सिख विरोधी शक्तियां ‘फूट डालो व राज करो’ की नीति के तहत सिखों को विभाजित करने के लिए प्रयासरत हैं।

'तख्तों को कमजोर करने वालों पर कार्रवाई करेंगे'

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को कहा कि सिखों के सर्वोच्च तख्तों के जत्थेदारों के सम्मान को कमजोर करने वालों के खिलाफ अगर शिकायत आई तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सदियों से तख्त साहिब के जत्थेदार की पदवी सिखों की सर्वोच्च अथारिटी रही है।

कुछ समय से पूरी मानवता ने अकाली नेताओं का शर्मनाक चेहरा देखा है, जो अपने स्वार्थी हितों के लिए जत्थेदार साहिब की गरिमा कम कर रहे हैं। अकाली नेताओं ने शर्मनाक तरीके से तख्त साहिब के जत्थेदार की गरिमा का घोर अपमान किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

अकाली नेता सिर्फ एक परिवार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए अहंकारी रवैया अपना रहे हैं, जोकि अत्यंत निंदनीय है। यह परिवार पंजाब, खासकर सिख समुदाय का पहले ही बहुत नुकसान कर चुका है।

'सिख समुदाय के दिलों में गहरा आघात'

अकाली नेतृत्व के मौजूदा रवैये ने सिख समुदाय के दिलों में गहरा आघात किया है और इस घृणित कार्रवाई के लिए जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जत्थेदार साहिब को धमकाना, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करना और उनके परिवार के खिलाफ घटिया टिप्पणियां करना असहनीय है। भले ही सरकार इस मामले में सीधे हस्तक्षेप नहीं करती, लेकिन शिकायत मिलने पर जत्थेदार साहिब और परिवार के खिलाफ घृणित अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

इस अपराध को अंजाम देने वाले लोगों, चाहे उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर फर्जी आइडी बनाई हो, के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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