Punjab News: बहस में दिलचस्पी होती तो राज्यपाल के सवालों के जवाब देते सीएम मान, अकाली नेता दलजीत चीमा
शिअद नेता डाॅ दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान को वास्तव में बहस में दिलचस्पी होती तो वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल की ओर से उनसे पूछे गए सवालों का जवाब देते। इससे एक बहस शुरू हो जाती और सभी मुद्दों पर गहन चर्चा की जा सकती थी लेकिन ऐसा करने के बजाय सीएम ने राज्यपाल के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
By Rohit KumarEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 16 Oct 2023 06:28 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) को वास्तव में बहस में दिलचस्पी होती तो वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल (Bnawarilal Purohit) की ओर से उनसे पूछे गए सवालों का जवाब देते। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डाॅ दलजीत सिंह चीमा (SAD Leader Daljeet Cheema) ने कहा कि इससे एक बहस शुरू हो जाती और सभी मुद्दों पर गहन चर्चा की जा सकती थी, लेकिन ऐसा करने के बजाय, मुख्यमंत्री ने उसे पूछे गए सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया।
सीएम मान ने जवाब देने से किया इनकार
इसको लेकर सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार, पक्षपात और भाई-भतीजावाद, उत्पाद शुल्क नीति घोटाला, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक के खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार करना और ड्रग माफिया को संरक्षण देने और अवैध खनन सहित सभी सवालों को जवाब देने से इनकार दिया जाना शामिल है।
आप के निर्देशों पर किया जा रहा है- चीमा
मुख्यमंत्री मान ने उनकी सरकार की ओर से लिए गए 50 हजार करोड़ रुपये के कर्ज पर केवल एक पत्र का जवाब दिया और स्वीकार किया कि यह कर्ज पर ब्याज का भुगतान करने के लिए किया गया। आप सरकार वादा किए गए राजस्व को जुटाने में विफल रही है। यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री ने ई-पोर्टल पर निर्देश देकर केंद्रीय सर्वेक्षण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बहस का मुद्दा उठाया है। डाॅ चीमा ने कहा यह स्पष्ट है कि यह सब आप के निर्देशों पर किया जा रहा है।SYL के मुद्दे पर ये कहा
जिन्होंने भगवंत मान को एसवाईएल का पानी हरियाणा को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है। अकाली नेता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री वास्तव में पंजाब के पानी के अधिकारों की रक्षा के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें केजरीवाल से हरियाणा और दिल्ली के लिए एसवाईएल का पानी जारी करने की मांग करने वाला अपना हलफनामा वापिस लेने के लिए कहना चाहिए था।