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Punjab News: उपचुनाव से पहले अकाली दल को झटका, सुखबीर बादल के करीबी डिंपी ढिल्लों नेछोड़ी पार्टी, वजह भी बताई

Punjab News गिद्दड़बाहा उपचुनाव से पहले हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सुखबीर बादल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन मेरा इस्तेमाल किया। गिदड़बाहा सीट पर उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर वह नाराज चल रहे थे।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 25 Aug 2024 08:16 PM (IST)
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Punjab News: सुखबीर सिंह बादल के करीबी हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने शिरोमणि अकाली दल को कहा अलविदा।
संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)। विधानसभा हलका गिद्दड़बाहा से शिरोमणि अकाली दल को उपचुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल के बेहद करीबियों में जाने जाते सीनियर नेता व गिद्दड़बाहा से हलका इंचार्ज हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने शिअद को अलविदा कह दिया है।

उपचुनाव को लेकर उम्मीदवार के रूप में अभी तक उनके नाम की घोषणा नहीं किए जाने के चलते ढिल्लों नाराज चल रहे थे। पार्टी छोड़ने की घोषणा डिंपी ढिल्लों ने रविवार को अपने निवास स्थान पर समर्थकों के एक भारी इकट्ठ को संबोधित करते हुए की। उधर, सुत्रों से सूचना मिल रही है कि डिंपी ढिल्लों आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं।

शिअद में शामिल हो सकते हैं मनप्रीत बादल

इस दौरान डिंपी ढिल्लों ने एक ऐसी बात कही जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया। डिंपी ने कहा कि बादल परिवार इकट्ठा हो गया है, जिसके चलते उसको साइड कर दिया गया है।

क्षेत्र में चर्चा चल रही है कि आने वाले दिनों में पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल शिअद ज्वाइन कर सकते हैं और गिद्दड़बाहा से शिअद की तरफ से चुनाव मैदान में उतारे जा सकते हैं।

इकट्ठा हो गया बादल परिवार, मुबारकबाद

एक वीडियो के माध्यम से ने इस्तीफा देने का कारण स्पष्ट किया। इस दौरान ढिल्लों भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी तरफ से तो कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन बादल परिवार इकट्ठा हो गया है। मुझे इस्तेमाल करना था वो कर लिया।

उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से मनप्रीत बादल हलके में लोगों से संपर्क साध रहे थे। वह भाजपा के नेता होने के बावजूद लोगों में कह रहे हैं कि सुखबीर बादल और उनका रिश्ता बहुत बढ़िया है। उनमें किसी तरह की खटास नहीं है। मैंने यह बात सुखबीर बादल को बताई कि मनप्रीत भाजपा का प्रचार नहीं कर रहे हैं।

आपके और अपने रिश्ते की दोहाई देते फिर रहे हैं। आप इस पर कोई कटाक्ष करें नहीं तो हलके के लोग भ्रमित होंगे।

कुछ बोल नहीं रहे थे सुखबीर बादल

सुखबीर बादल कुछ भी नहीं बोल रहे थे और न ही उम्मीदवार की घोषणा को लेकर कोई सीधी बात कर रहे थे। हालांकि पहले बठिंडा सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा था कि सुखबीर जी गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन अगले ही दिन सुखबीर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया।

उसे साफ दिख रहा था कि सुखबीर जी भाई मोह में फंसे हुए थे। मैंने पार्टी 1989 में ज्वाइन की थी। क ई कठिनाइयां देखी लेकिन पार्टी नहीं छोड़ी। 2010 में जब मनप्रीत बादल ने अलग पार्टी बना ली थी तब भी उन्होंने सुखबीर बादल का साथ नहीं छोड़ा।

लेकिन अब सुखबीर के साथ 37 साद पुरानी दोस्ती उनकी टूटने का समय आ गया था, क्योंकि सुखबीर जी भाई मोह में पूरी तरह से फंस गए हैं। इसी कारण मजबूरन उसे पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा है।

गिद्दड़बाहा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं डिंपी

डिंपी ढिल्लों की गिदड़बाहा सीट पर अच्छी पकड़ है और वह शिअद की तरफ से यहां से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। भले ही वह दोनों बार पराजित हुए हैं लेकिन बावजूद उनकी हलके में काफी पकड़ है। साल 2012 से गिद्दड़बाहा से लगातार कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग चुनाव जीतते आ रहे है।

2017 में डिंपी ढिल्लों पहली बार शिअद से चुनाव लड़ें। लेकिन वह कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार गए। चुनाव में डिंपी को 47288 को वोट मिले थे, जबकि वड़िंग को 63500 मत मिले थे। जबकि 2022 में जब पूरे राज्य में आम आदमी पार्टी की हवा थी।

लेकिन इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला था। इस दौरान राजा वड़िंग के वोट कम होकर 50998 रह गए। जबकि डिंपी को 49649 वोट मिले। दोनों में जीत का अंतर महज 1349 वोट का था। ऐसे में डिंपी ढिल्लों खुद को काफी मजबूत दावेदार इस सीट से मानते हैं।

गिद्दड़बाहा में कांग्रेस और शिअद में रहती है टक्कर

गिद्दड़बाहा सीट 1967 में बनी थी। पहला चुनाव यहां से कांग्रेस नेता हरचरण सिंह बराड़ जीते थे। इसके बाद लगातार पांच बार 1969, 72, 77, 80 और 85 में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जीते। 1992 में कांग्रेस नेता रघुबीर सिंह जीते। इसके बाद 1995, 97, 2002 और 2007 में सीट से शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर मनप्रीत बादल जीतते रहे।

जबकि 2012, 2017 और 2022 में इस सीट से कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग जीते हैं। लेकिन अब वह लुधियाना से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने इस सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। इस वजह से यह सीट खाली हुई है। गिद्दड़बाहा में प्रत्येक चुनाव में कांग्रेस और अकाली दल में ही टक्कर देखने को मिलती है।

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