Punjab Politics: बगैर रेफरी के कैसे हो सकती है प्रतियोगिता, जाखड़ ने सीएम मान पर डिबेट से भागने के लगाए आरोप
बगैर रैफरी के प्रतियोगिता कैसे हो सकती है मुख्यमंत्री बहस से भागे नही जाखड़
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) आरोप लगा रहे हैं कि एसवाईएल (SYL Canal Dispute) मुद्दे पर विपक्ष बहस से भाग रहा है। जबकि भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने मुख्यमंत्री पर बहस से भागने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बगैर रेफरी के कोई प्रतियोगिता कैसे हो सकती है। बहस का कोई प्रोफार्मा तो होता है।
मुख्यमंत्री केवल बहस की बात कर रहे है, लेकिन वह पंजाब के साथ की गद्दारी को छिपाने के लिए लगातार बहाने ढूंढ रहे हैं। इसलिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की बजाय मुकाबले बाजी कराई जा रही है।
SYL के मुद्दे पर समूचा पंजाब एकजुट
यहां जारी बयान में सुनील जाखड़ ने कहा कि एस.वाई.एल. के मुद्दे पर समूचा पंजाब एकजुट है और हम बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि हमारे यहां पानी की एक बूंद भी फालतू नहीं है, लेकिन पता नहीं आप ने कौन सा फायदा लेने के लिए अंदर खाते सौदेबाजी की, सुप्रीम कोर्ट में घुटने टेके और अब भी इस मसले का कोई सार्थक समाधान ढूंढने की बजाय बहानेबाजी की जा रही है। जाखड़ ने कहा कि मैंने तीन नामों सुझाए।
बहस से भाग रहे मुख्यमंत्री- जाखड़
मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर डाॅ. धरमवीर गांधी, एचएस फूलका व कंवर संधू में आखिर क्या कमी है। यह तीनों ही तो कभी न कभी आम आदमी पार्टी से जुड़े रहे है। मुख्यमंत्री को बहस से भागना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि पंजाब में कई योग्य व्यक्तित्व हैं, लेकिन ये तीनों राजनीतिक समझबूझ रखने वाले तटस्थ व्यक्तित्व हैं। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए या फिर इनके किरदार पर सवाल उठाए और बताएं कि उनमें क्या कमी है या अपनी सहमति दें और बहाने न बनाएं। उन्होंने कहा कि खाने-पीने की बात छोड़ें और गंभीर मुद्दों पर गंभीरता दिखाएं क्योंकि पंजाब जवाब मांगता है।
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आप के हाथों में पंजाब सुरक्षित नहीं
जाखड़ ने कहा कि पंजाब के अस्तित्व का सवाल है, अब हम उन्हें भागने नहीं देंगे और उनके चेहरे बेनकाब कर देंगे। उन्होंने कहा, पहले एक विधायक के रिश्तेदार पर कार्रवाई करने के कारण ईमानदार अधिकारी का तबादला कर दिया गया, अब अवैध खनन के मामले में मशीनों पर पर्चा दर्ज किया जा रहा है। इससे साफ है कि पंजाब इनके हाथों में सुरक्षित नहीं है।