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Punjab News: सरकार के लिए आसान नहीं होगा गन्ने की कीमत बढ़ाना, पंजाब में आज भी मूल्य सबसे ज्यादा

जालंधर में गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपए करने की मांग को लेकर दो दिन से हाईवे पर बैठे किसानों की यह मांग पूरी करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। हालांकि इस बात को लेकर रखी गई बैठक मुख्यमंत्री ने ऐन मौके पर स्थगित कर दी। ऐसा करने के पीछे कारण बताया गया कि मुख्यमंत्री पहले खुद अधिकारियों के साथ गन्ने की कीमत को लेकर चर्चा करना चाहते हैं।

By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 22 Nov 2023 09:53 PM (IST)
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सरकार के लिए आसान नहीं होगा गन्ने की कीमत बढ़ाना, File Photo

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। जालंधर में गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपए करने की मांग को लेकर दो दिन से हाईवे पर बैठे किसानों की यह मांग पूरी करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। हालांकि इस बात को लेकर रखी गई बैठक मुख्यमंत्री ने ऐन मौके पर स्थगित कर दी। ऐसा करने के पीछे कारण बताया गया कि मुख्यमंत्री पहले खुद अधिकारियों के साथ गन्ने की कीमत को लेकर चर्चा करना चाहते हैं। 

खैर, प्रदर्शनकारी किसानों के धरने को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर कहा कि किसान यूनियनें राज्य में सड़कें रोक कर आम लोगों को बिना वजह परेशान न करें। नहीं तो लोग उनके खि़लाफ़ खड़े हो जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अपने निजी हितों की ख़ातिर यूनियनों द्वारा सड़कें रोक कर लोगों को तंग-परेशान किया जा रहा है जिससे लोगों का रोज़ाना का जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है जोकि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है। 

मुख्यमंत्री ने यूनियनों से अपील की कि उनका दफ़्तर, रिहायश, पंजाब भवन, पंजाब सिविल सचिवालय और कृषि मंत्री के दफ़्तर के दरवाज़े बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यदि यूनियनों का यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब आपको धरने के लिए आदमी नहीं मिलेंगे।

450 एमएसपी देनी मुश्किल क्यों?

गन्ने की एमएसपी केंद्र सरकार की ओर से 315 रुपए निर्धारित की गई है जिस पर स्टेट एग्रीड प्राइस देकर इसे 380 किया जाता है। यानी जो 65 रुपए अतिरिक्त दिए जा रहे हैं उसमें 25 रुपए चीनी मिलों ने और 40 रुपए प्रति क्विंटल राज्य सरकार ने देने हैं, लेकिन यही कीमत न तो सरकार की ओर समय पर दी जाती हैं और न ही चीनी मिलों की ओर से। इसलिए किसान गन्ने की बकाया राशि लेने को आंदोलित रहते हैं।

पिछले साल तक पंजाब में गन्ने की जो कीमत 380 निर्धारित की गई थी वह पूरे देश में सबसे ज्यादा थी। इसी दौरान हरियाणा सरकार की ओर से यह 372 रुपए , उत्तर प्रदेश द्वारा 350 और उत्तराखंड की ओर से 355 रुपए दी जाती रही है। साल 2023-24 के लिए हरियाणा सरकार ने गन्ने की कीमत 386 रुपए प्रति क्विंटल तय की है जबकि पंजाब की बैठक अभी होनी है। 

कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि किसानों को मांग वह करनी चाहिए जो पूरी की जा सकती हो। सरकारों और चीनी मिलों की ओर से तो 380 रुपए ही मुश्किल से दिए जा पा रहे हैं। ऐसे में 450 रुपए कहां से दिए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब में गन्ने से चीनी बनाने की रिकवरी 9 किलो के आसपास है जब हरियाणा में यह दस से ज्यादा है।

उधर, पता चला है कि पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने भी नए साल के लिए अपनी सिफारिश भेज दी है। पीएयू ने किसानों को 388 रुपए प्रति क्विंटल देने की सिफारिश की है यानी पिछले साल के मुकाबले यह आठ रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा है।