Punjab News: अमरूद बाग मुआवजा घोटाला मामले में नायब तहसीलदार गिरफ्तार, जमानत याचिका खारिज होने के बाद किया सरेंडर
अमरूद बाग मुआवजा घोटाला मामले में सह आरोपित नायब तहसीलदार जसकरण सिंह बराड़ को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच के दौरान पता चला था कि फर्जी लाभार्थियों को मुआवजा जारी करने में जसकरण सिंह बराड़ और घोटाले के मुख्य आरोपी (Guava tree compensation scam) के बीच साठगांठ थी। तहसीलदार ने उच्चतम न्यायालय से जमानत याचिका खारिज कर ब्यूरो के सामने सरेंडर कर दिया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। विजिलेंस ब्यूरो ने करोड़ों रुपये के अमरूद बाग मुआवजा वितरण घोटाले में सह आरोपित नायब तहसीलदार जसकरण सिंह बराड़ को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपित ने ब्यूरो के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
मुआवजा वितरण घोटाले में जसकरण सिंह बराड़ की भूमिका का पता चलने के बाद उन्हें इस मामले में आरोपित के रूप में नामजद किया गया था।
जांच के दौरान पता चला कि फर्जी लाभार्थियों को मुआवजा जारी करने में जसकरण सिंह बराड़ और इस मामले के मुख्य आरोपित के बीच साठगांठ थी।
भूमि मालिकों के नाम नहीं खा रहे थे मेल
इसके अलावा, भुगतान जारी करने से पहले रिकॉर्ड में यह बात सामने आई कि कुछ भूमि मालिकों के नाम और हिस्सेदारी रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते थे।कुछ नाम बिना किसी आधार के गलत तरीके से लाभार्थियों की सूची में शामिल किए गए थे, क्योंकि उन्होंने भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 11 के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद भूमि खरीदी थी।
उक्त नायब तहसीलदार ने खसरा गिरदावरी रिकॉर्ड, जिसमें छेड़छाड़ की गई थी, को नजरअंदाज करते हुए विवरण वाली फाइल को एक ही दिन में तीन बार निपटाकर भुगतान की सिफारिश करने में अनावश्यक जल्दबाजी की।बराड़ को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के तहत 11/12/2023 को जांच में शामिल होने के निर्देशों के साथ अंतरिम राहत मिल गई थी। इसके बाद वह जांच में शामिल तो हुए, लेकिन ब्यूरो के साथ कोई सहयोग नहीं किया।
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