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Punjab News: टोल प्लाजा पर नहीं की गई कोई नाकेबंदी, किसान यूनियन को लेकर पंजाब सरकार का दावा

पंजाब सरकार ने कहा कि किसान यूनियन (Farmers Union) द्वारा टोल प्लाजा पर कोई धरना या नाकाबंदी नहीं की गई है। दावा किया गया कि लोडोवाल टोल प्लाजा को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के प्रयास किया जा रहा है। राज्य में टोल प्लाजा पर अतिक्रमण को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) में यह जानकारी दी गई।

By Dayanand Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 24 Jul 2024 04:28 PM (IST)
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पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान फाइल फोटो (जागरण फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने दावा किया है कि लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा को छोड़कर किसी भी किसान यूनियन द्वारा टोल प्लाजा पर कोई धरना या नाकाबंदी नहीं की गई है।

राज्य के अनुसार, संबंधित टोल प्लाजा की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए पुलिस की तैनाती के साथ-साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यह भी दावा किया गया है कि लाडोवाल टोल प्लाजा को जल्द से जल्द फिर से चालू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

अतिक्रमण के खिलाफ याचिका पर दिया जवाब

यह जानकारी पंजाब के विशेष डीजीपी (कानून और व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा पंजाब राज्य में प्रदर्शनकारियों द्वारा टोल प्लाजा पर बार-बार अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका के जवाब में दी है।

एनएचएआई ने प्रदर्शनकारियों द्वारा अवैध रूप से बंद किए गए टोल प्लाजा को फिर से शुरू करने के निर्देश मांगे हैं और पंजाब राज्य के भीतर प्रदर्शनकारियों द्वारा टोल प्लाजा पर बार-बारअतिक्रमण करने के कारण गंभीर कानून और अन्य समस्याएं पैदा होने के कारण अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है।

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113.21 करोड़ का भारी वित्तीय नुकसान

एनएचएआई ने हाई कोर्ट में कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने के कारण चार टोल प्लाजा बंद कर दिए गए हैं, जिससे केंद्रीय खजाने को 113.21 करोड़ रुपये का भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।

एनएचएआई वर्तमान में चार टोल प्लाजा में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है, जिन पर प्रदर्शनकारियों ने अतिक्रमण कर लिया है और कानून-व्यवस्था की गंभीर समस्या है और इसलिए उनके पास आवेदन दायर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

इस मुद्दे पर शुक्ला ने अपने हलफनामे में कहा है कि टोल प्लाजा के गैर-संचालन के संबंध में तरन तारन, जालंधर (ग्रामीण) के पुलिस जिलों के एसएसपी और लुधियाना के पुलिस आयुक्त से रिपोर्ट प्राप्त की गई थी।

यह बात सामने आई है कि कावा वाला पत्तन सतलुज पुल, शाहकोट जालंधर और तरन तारन में यूएसएमए टोल प्लाजा सहित तीन गैर-संचालन टोल प्लाजा में से दो को स्थानीय प्रशासन के साथ संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित पुलिस विभाग द्वारा किए गए विचार-विमर्श और प्रयासों के बाद चालू कर दिया गया है।

16 से 30 जून तक किया गया धरना-प्रदर्शन

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस आयुक्त, लुधियाना से प्राप्त 20 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार, टोल प्लाजा लाडोवाल में भारतीय किसान मजदूर यूनियन और अन्य यूनियनों द्वारा टैक्सी यूनियनों, टेंपो यूनियन और ट्रक यूनियन के समर्थन से टोल टैक्स की बढ़ी हुई दर के खिलाफ 16 से 30 जून तक विरोध प्रदर्शन/धरना आयोजित किया गया था।

वे दरों को कम करने, बाथरूम बनाने, ड्रेनेज सिस्टम और स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत सहित कुछ मांगे उठा रहे हैं। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि सरकार के साथ टोल प्लाजा के अनुबंध की सीमा समाप्त हो गई है और जो भी अतिरिक्त पैसा वसूला गया है, उसे सरकार टोल प्लाजा कंपनी से वसूले। 

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