Punjab News: बर्खास्त एआईजी राजजीत हुंदल को कोर्ट से राहत, अग्रिम जमानत की मांग पर पंजाब सरकार को नोटिस
पूर्व एआईजी राज जीत सिंह हुंदल को एनडीपीएस मामले में सुप्रीम कोर्ट अंतरिम जमानत मिलने के बाद अब हाई कोर्ट से भी एक और मामले में बड़ी राहत मिल गई है। एसटीएफ ने राज जीत हुंदल के खिलाफ मोहाली में मई महीने में भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट और एनडीपीएस एक्ट में जो एफआईआर दर्ज की थी इसके बाद रोज जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ड्रग रैकेट (Drug Racket) में शामिल होने के आरोपित पूर्व एआईजी राज जीत सिंह हुंदल (Rajjeet Hundal) को एनडीपीएस मामले में सुप्रीम कोर्ट अंतरिम जमानत (Anticipatory Bail) मिलने के बाद अब हाई कोर्ट से भी एक और मामले में बड़ी राहत मिल गई है। एसटीएफ ने राज जीत हुंदल के खिलाफ मोहाली में मई महीने में भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट और एनडीपीएस एक्ट में जो एफआईआर दर्ज की थी, उस एफआईआर में बुधवार हाई कोर्ट ने हुंदल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत हर रोज जांच अधिकारी के सामने पेश होने व जांच में शामिल होने का आदेश दिया है।
अग्रिम जमानत का फैसला सुरक्षित
इसी के साथ कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर 12 दिसम्बर तक जवाब देने का आदेश भी दिया है। अब राज जीत हुंदल के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर में से एक में सुप्रीम कोर्ट से तो दो एफआईआर में उन्हे हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। विजिलेंस द्वारा 20 अप्रैल को भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में दर्ज एफआईआर में हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।
हाई कोर्ट ने बताई न्याय की हत्या
पिछले दिनों नशे के मामले में भी हुंदल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। अगस्त माह में ड्रग मामले में बर्खास्त पीपीएस अधिकारी राज जीत सिंह हुंदल द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को तल्ख टिप्पणी के साथ खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर हुंदल को राहत दी गई तो यह न्याय ही हत्या करने जैसा होगा। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और वह जिस तरह से काम कर रहे थे, उसका पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता होगी।
युवा पीढ़ी के लिए गंभीर विषय
कोर्ट ने कहा कि आरोपित को सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ना था जो उसकी ड्यूटी का हिस्सा था लेकिन वह अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर व्यवस्था को नष्ट करने में लगा रहा। चंडीगढ़ के आसपास उसने महंगी संपत्ति अर्जित की है वह भी उस दौरान जब वह तरनतारन में तैनात थे, जो एक सीमावर्ती जिला है और वहा नशे के मामले अधिक है। यह सब युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए चिंता का गंभीर विषय है।