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Punjab News: पंजाब सरकार पर बरसे शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल, कहा- CM मान पर लगाया जाना चाहिए ESMA

ESMA in Punjab पंजाब की AAP सरकार पर निशाना साधते हुए सुखबीर बादल ने कहा है कि जब प्रदेश बाढ़ की चपेट में था तब सीएम भगवंत मान अपने बाॅस अरविंद केजरीवाल के साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव को लेकर दौरा कर रहे थे। सुखबीर बादल ने कहा कि सीएम पर ESMA (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाया जाना चाहिए।

By Nidhi VinodiyaEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Fri, 01 Sep 2023 01:30 PM (IST)
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शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल ने कहा कि CM मान पर ESMA लगाया जाना चाहिए, फाइल फोटो
चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) ने पंजाब की AAP सरकार (Punjab AAP Government) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब प्रदेश बाढ़ की चपेट में था तब सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) अपने बाॅस अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejariwal) के साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव को लेकर दौरा कर रहे थे। सुखबीर बादल ने कहा कि सीएम पर ESMA (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाया जाना चाहिए।

बादल ने कहा कि पंचायतों को बहाल करने के लिए हम पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का स्वागत करते हैं। कोर्ट के कारण ही पंजाब सरकार को अधिसूचना वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पंचायतों को भंग करने के पीछे का उद्देश्य यही था कि वहां के निर्वाचित प्रतिनिधियों से इन जमीनी स्तर के निकायों का नियंत्रण लेना और अपने मनपसंद लोगों को सौंपना था।

हरियाणा में चुनाव लड़ेंगे- सुखबीर बादल

वहीं उन्होंने ये भी कहा कि शिरोमणि अकाली दल हरियाणा में गुरुद्वारों को कांग्रेस और भाजपा समर्थित महंतों से मुक्त कराने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधन समिति का चुनाव लड़ेगा।

ESMA लगाने के बाद पटवारियों ने शुरू की हड़ताल

  • कर्मचारियों की कलम छोड़ हड़ताल: पंजाब सरकार द्वारा अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून लगाने के बाद पटवारियों और कानूनगो ने वीरवार से ही 3000 पटवार सर्कल में कलम छोड़ हड़ताल शुरू कर दी है।
  • पटवार यूनियन ने सीएम को दी थी चुनौती: हड़ताल को लेकर दी रेवेन्यू पटवार यूनियन के प्रधान हरवीर सिंह ढींडसा ने चुनौती दी थी कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने वादे के अनुसार बेरोजगारों को इन 3000 सर्कल में पैन लेकर बैठा दें। यूनियन इसका स्वागत करेगी।
  • सीएम मान ने हड़तालियों को दी चुनौती: बता दें कि सीएम मान ने 30 अगस्त को हड़तालियों को खुली चेतावनी दी थी कि यदि वे काम पर नहीं लौटे, तो उनकी सेवाएं खत्म की जा सकती है। सीएम मान ने ये बात गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में आयोजित गोल्डन जुलबी कन्वेंशन में कही थी। इसके बाद उन्होंने ये भी कहा था कि कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन दोबारा कलम लौटानी है या नहीं, सरकार तय करेगी।

11 सितंबर से हुई थी शुरुआत

बता दें कि खाली पड़े पदों को भरने, पदोन्नति देने समेत अन्य मांगों को लेकर पटवारी यूनियन ने 11 सितंबर से कलम छोड़ हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 30 अगस्त से 31 अक्टूबर तक राज्य में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू कर दिया था। एस्मा हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है।

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