Punjab News: संत दयाल दास की हत्या के मुख्य आरोपित को हाई कोर्ट से झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
संत दयाल दास की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने मुख्य आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में आरोपित साढ़े तीन साल तक फरार रहा और जब उसकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगी तब जाकर वह जांच में शामिल हुआ।
By Inderpreet Singh Edited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 09 Sep 2023 07:31 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Punjab Sant Dayal Murder Case नवम्बर 2019 में फरीदकोट के डेरा हर का दास में संत दयाल दास की गोली मार कर हत्या के मामले में मुख्य साजिशकर्ता आरोपी संत जरनैल सिंह को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका दाखिल करते हुए जरनैल सिंह ने बताया कि वह निर्दोष है और पंजाब पुलिस की जांच में भी उसे क्लीन चिट दी गई थी।
वहीं, अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए एसआईटी ने हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) को बताया कि अभी तक कि जांच में सामने आया है कि संत जरनैल सिंह ने ही संत दयाल दास की हत्या की साजिश रची थी। इसके पीछे मकसद डेरे की करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा करना था। इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने रिश्वत लेकर उन्हें क्लीन चिट दी थी और अब उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी विजिलेंस जांच कर रही है।
कई नामी गैंगस्टर के साथ जुड़ा संत जरनैल सिंह का नाम
कोर्ट को बताया गया कि संत जरनैल सिंह का कई नामी गैंगस्टर से नाम भी जुड़ा है और गोली चलाने के आरोपी अमरीक सिंह शेरू व लखविंदर सिंह लक्खा को भी वह पहले से जातना था। इस मामले में हथियार बरामद किए जा चुके हैं और आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।ये भी पढ़ें- जिला परिषदों के चुनाव समय से पहले कराने को HC में चुनौती, पंजाब सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में आरोपित साढ़े तीन साल तक फरार रहा और जब उसकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगी तब जाकर वह जांच में शामिल हुआ और पांचवी एसआईटी के सामने पेश हुआ। लेकिन वहां जाकर भी उसने जांच में सहयोग नहीं किया।इस मामले में याचिकाकर्ता के गैंगस्टरों से संबंध, गैंगस्टरों को हत्या के लिए भुगतान, हत्या का मकसद आदि को जानने के लिए याची से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। ऐसे में हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को सिरे से खारिज कर दिया।
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