Punjab News: अकाल तख्त में सुखबीर सिंह बादल तलब, 15 दिनों के भीतर पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश, जानिए क्या है मामला
Akal Takht Summons Sukhbir Badal श्री अकाल तख्त पर शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो सुखबीर बादल को तलब किया है। उन्हें 15 दिनों के भीतर खुद पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। बादल की मौजूदगी में हुए बजर गुनाह के लिए पेश किए गए माफी नामा की रोशनी में किया गया है। सुखबीर बादल अब अकाल तख्त पर पेश होंगे।
गुरमीत लूथरा, अमृतसर। पांच तख्तों के सिंह साहिबान ने शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को श्री अकालतख्त पर तलब करते हुए 15 दिन के भीतर पेश होकर स्पष्टीकरण देने का हुक्म जारी किया है। पांच तख्तों के सिंह साहिबान की श्री अकालतख्त साहिब पर आयोजित बैठक के बाद उक्त फरमान जारी करते हुए बादल को खुद श्री अकालतख्त पर पेश होकर लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है।
सिंह साहिबान के आदेश से सुखबीर की मुसीबतों में इजाफो हो गया है। उक्त स्पष्टीकरण एक जुलाई को शिअद के बागी गुट के नेताओं प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींडसा इत्यादि द्वारा प्रदेश में पूर्व अकाली सरकार के दौरान प्रधान सुखबीर की अगुवाई में हुए बजर गुनाह के लिए बजर गुनाह के नतीजन श्री अकालतख्त पर पेश किए गए माफीनामा की रौशनी में किया गया है।
पंथक भावनाओं की सही तरीके से तरजमानी नहीं की
आदेश में सिंह साहिबानों ने बिना सुखबीर का नाम लिखे कहा है कि शिअद के प्रधान ने पंथक भावनाओं की सही तरीके से तरजमानी नहीं की है। जिसके नतीजन आज बादल को खुद पेश होकर स्पष्टीकरण देने की हिदायत की जाती है।
गौर हो कि अकाली सरकार के दौरान 24 सितंबर 2015 को श्री अकालतख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की अगुवाई में जत्थेदारों ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के कहने पर सिरसा के डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को गुरु गोबिंद सिंह जैसा पहरावा पहनकर स्वांग रचने संबंधी माफी प्रदान की गई थी।
90 लाख के लगाए विज्ञापन का स्पष्टीकरण मांगा
सिंह साहिबानो के आदेश में गुरमीत राम रहीम को माफ करने के बाद एसजीपीसी सहित विभिन्न कमेटियों द्वारा इस संबंधी मीडिया में गुरुघर की गोलक से 90 लाख रुपए से विज्ञापन प्रकाशित करवाने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। एसजीपीसी से लिखित तौर से स्पष्टीकरण देने आ आदेश दिया गया है।
आदेश में कहा गया है कि कुछ अकाली नेताओं द्वारा श्री अकालतख्त साहिब को इस संबंधी लिखित शिकायत दी गई है, इसी के नतीजन स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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