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Punjab: जमीन घोटाले को लेकर चला विजिलेंस का हंटर, प्लॉट घोटाले में 100 को भेजे नोटिस 42 वापस आए; बड़ी धांधली के आसार

यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए हैं जो नियम और शर्तों के तहत निर्माण कार्य शुरू करने में असफल रहे। इनमें से 42 नोटिस वापस आ गए है क्योंकि अलॉटियों की ओर से जो एड्रेस दिए गए थे वे गलत थे। जोकि एक बड़े घोटाले का संकेत है। विजिलेंस ब्यूरो की ओर से जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी

By Rohit Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 20 Feb 2024 03:09 PM (IST)
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प्लॉट घोटाले में 100 को भेजे नोटिस 42 वापस आए; बड़ी धांधली के आसार
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने करीब छह साल बाद पंजाब स्मॉल स्केल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (पीएसआइइसी) में भ्रष्ट अधिकारियों व धोखाधड़ी से प्लॉट लेने वाले लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। ब्यूरो की ओर से लगभग 100 प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी किए गए है।

यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए हैं जो नियम और शर्तों के तहत निर्माण कार्य शुरू करने में असफल रहे। इनमें से 42 नोटिस वापस आ गए है क्योंकि अलॉटियों की ओर से जो एड्रेस दिए गए थे वे गलत थे। जोकि एक बड़े घोटाले का संकेत है।

सीएम मान ने दी थी कार्रवाई की अनुमति

ध्यान रहे कि पूर्व कांग्रेस सरकार में हुए इस घोटाले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएसआइइसी के उन भ्रष्ट अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी है, जिन्हें विजिलेंस ब्यूरो की 2018 में की गई जांच दोषी ठहराया गया था। इनमें तीन सेवानिवृत आइएएस अधिकारी जो अन्य आरोपितों के साथ पहले ही भाग निकले थे।

प्लॉट घोटाले को लेकर किया गया कमेटी का गठन

ध्यान रहे कि विजिलेंस ब्यूरो की जांच को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फर्जी पत्र के आधार पर हुए प्लॉट घोटाले की विभागीय जांच के लिए आईएएस अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। जिन्हें आवंटन एवं ट्रांसफर घोटाले की जांच सौंपी गई। विजिलेंस ब्यूरो की ओर से जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी जोकि नहीं दी गई थी।

निजी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

वहीं अब मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने उद्योग विभाग को एक अपडेट-रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। वहीं विजिलेंस ब्यूरो की ओर से तैयार की गई अपडेट रिपोर्ट भी भेजी गई जिस में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई है। मुख्य सचिव ने उद्योग विभाग और पीएसआईईसी के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई अपडेट-रिपोर्ट पर अपने कवरिंग नोट में आरोपित अधिकारियों और उनसे जुड़े निजी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

जांच के दायरे में ये प्लॉट

औद्योगिक क्षेत्र में सी210, सी211, सी209, सी201, 202, सी193, सी195, सी177, इ234, सी166, डी247, डी250 (पाकेट 8a), डी286, इ260a, इ248, इ261, इ209, इ260, इ333,168, इ461, इ462, और एफ510 से एफ520 तक शुरू होने वाली 10 प्लाट संख्याओं की एक श्रृंखला। मोहाली के फेज 8-ए में प्लाट नंबर 318 और फेज 9 में प्लॉट नंबर 659 संदिग्ध लग रहे हैं।

खुले बाजार में प्रत्येक प्लाट की कीमत करीब 35 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अमृतसर इंडस्ट्रियल एस्टेट के प्लॉट नंबर 426, 294 और 426, 39, मोगा फोकल प्वाइंट के प्लॉट नंबर बी7 भी जांच के दायरे में हैं। खुले बाजार में प्रत्येक प्लॉट की कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।

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