Punjab: IAS अफसर और RTA पर कार्रवाई से पंजाब के अधिकारी हड़ताल पर, CM मान से आज करेंगे मुलाकात
Punjab Officials on strike अधिकारियों पर विजिलेंस की कार्रवाई के खिलाफ आज चार दर्जन से ज्यादा आईएएस अफसर मुख्यमंत्री के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी ए वेणुप्रसाद से मिले। हड़ताल को देखते हुए आज दोपहर मुख्यमंत्री मान एसोसिएशन से मुलाकात कर सकते हैं।
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। आईएएस अफसर नीलिमा के खिलाफ पंजाब स्टेट इंडस्ट्रीज एक्सपोर्ट कार्पोरेशन के मामले में केस दर्ज होने के खिलाफ आईएएस एसोसिएशन आज चीफ सेक्रेटरी वी के जंजुआ से मिली। इससे पहले बीते दिन आरटीए नरेंद्र सिंह धालीवाल को गिरफ्तार करने के विरोध में पीसीएस अफसर एसोसिएशन ने भी लुधियाना में एक बैठक करके पांच दिन का सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया जो आज सोमवार से शुरू हो गया है।
एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी से मिले आईएएस
आज सुबह चार दर्जन से ज्यादा आईएएस अफसर मुख्यमंत्री के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी ए वेणुप्रसाद से मिले जो एसोसिएशन के प्रधान भी हैं । उसके बाद सभी चीफ सेक्रेटरी वी के जंजुआ के पास चले गए। एसोसिएशन की पूरी कार्यकारिणी ने इसको लीड किया। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी मिलने की इच्छा जाहिर की है।
पीसीएस एसोसिएशन हड़ताल पर
पीसीएस अफसर नरेंद्र सिंह धालीवाल जो लुधियाना में आरटीए लगे हुए हैं उनके खिलाफ केस दर्ज करने से एसोसिएशन नाराज हैं और उन्होंने पांच दिन का सामूहिक अवकाश ले लिया है उनके इस फैसले को लेकर सरकार परेशान है और पता चला है कि मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन को बातचीत के लिए आज दोपहर को बुलाया है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि पीसीएस के हड़ताल पर चले जाने सारा काम ठप हो जाएगा क्योंकि ज्यादातर जिलों में पीसीएस अफसर ही काम पर लगे हुए हैं। जिलों में एक या दो ही आईएएस अफसर हैं, शेष सारे पीसीएस हैं। यह भी पता चला है कि पंजाब रेवेन्यू अधिकारी भी पीसीएस अफसरों के समर्थन में आ गए हैं।
मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना केस हो रहे दर्ज
एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि हम भ्रष्टाचार के मामले में किसी अफसर के साथ नहीं हैं लेकिन किसी भी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी जरूरी है लेकिन विजिलेंस केवल एक शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके आईएएस अफसरों को परेशान कर रही है। हालांकि विजिलेंस के अधिकारियों का कहना है कि पहले पूरी जांच की जा रही है और जब लगता है कि मामले में संबंधित अफसर की मिलीभगत है तभी उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है।