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Punjab Panchayat Election 2024: पंजाब में पंचायत चुनाव का बजा बिगुल, 15 अक्टूबर को होगी वोटिंग; 27 से नामांकन शुरू

Punjab Panchayat Election 2024 पंजाब में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रदेश की 13237 ग्राम पंचायतों के लिए 15 अक्टूबर को मतदान होगा। वहीं 27 सितंबर से नामांकन शुरू हो जाएंगे। 15 अक्टूबर को मतदान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। चुनाव परिणाम मतदान खत्म होने और मतों की गिनती के बाद उसी दिन जारी कर दिए जाएंगे।

By Inderpreet Singh Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:38 PM (IST)
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Punjab Panchayat Election 2024: पंजाब में पंचायती चुनावों का हुआ एलान

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Panchayat Election 2024: पंजाब में ग्राम पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी है। राज्य के 13,237 ग्राम पंचायतों के लिए 15 अक्टूबर 2024 को मतदान होगा। चुनाव की अधिसूचना 27 सितंबर को जारी हो जाएगी। जिसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 4 अक्टूबर को नामांकन भरने की अंतिम तिथि होगी।

मतदान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा

नामांकन सरकारी कामकाज वाले दिन ही सुबह 11 बजे से 3 बजे तक किए जा सकते हैं। जबकि मतदान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। चुनाव परिणाम मतदान खत्म होने और मतों की गिनती के बाद उसी दिन जारी कर दिए जाएंगे। यह जानकारी राज्य चुनाव कमिश्नर राजकमल चौधरी ने पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।

बैलट पेपर के जरिए होगा चुनाव

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत चुनाव बैलट पेपर के माध्यम से होंगे। बैलट पेपर पर नोटा (कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं) का भी निशान होगा। यह व्यवस्था 2018 में हुए चुनाव के दौरान ही कर दी गई थी। जिसे इस बार भी जारी रखा जाएगा। राजकमल चौधरी ने बताया चुनाव में 13,238 सरपंच और 83,437 पंच चुने जाएंगे।

सरपंच और पंच चुनाव में 50 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए रहेगा। बैलट पेपर से चुनाव होने को लेकर उठे सवाल के जवाब में कमिश्नर ने कहा, इतने बड़े स्तर पर ईवीएम मिल नहीं सकती थी। इसलिए चुनाव बैलट पेपर से होगा। चुनाव में 1,33,97,932 मतदाता मतदान का प्रयोग करेंगे।

आचार संहिता में इन कामों पर लगा प्रतिबंध

एक सवाल के जवाब में राज्य चुनाव कमिश्नर ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जोकि चुनावी क्षेत्रों पर लागू होगा। इस दौरान सरकार किसी प्रकार की घोषणा, नींव पत्थर, या ग्रांट आदि नहीं बांट सकती है। इसके अतिरिक्त सरकारी इमारतों पर पोस्टर-बैनर लगाना प्रतिबंधित होगा।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पंचायती राज एक्ट के नियम में संशोधन करके पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने के नियम को बदल दिया है। अत: कोई भी प्रत्याशी पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ सकता है। हालांकि अगर वह अपने प्रचार के लिए किसी पार्टी के नेता आदि का प्रयोग करता हैं तो राज्य चुनाव कमीशन उसे रोक नहीं सकती।

सरपंच चुनाव के लिए खर्च करने की लिमिट 40 हजार

राज्य चुनाव कमिश्नर ने बताया कि सरपंच के चुनाव के लिए खर्च करने की लिमिट 40 हजार और सरपंच के लिए 30 हजार रुपये होगी। जबकि 2018 में यह राशि 30,000 और 20,000 रुपये थी। जनरल सीट नामांकन के दौरान प्रत्याशी को 100 रुपये और एससी-बीसी को 50 रुपये की फीस अदा करनी होगी।

बता दें कि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल फरवरी 2024 में पूरा हो गया था। तब से चुनाव लंबित थे। चुनाव करवाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से 20 अक्टूबर तक चुनाव करवाने की जानकारी मांगी है।

चुनाव की मुख्य बातें

नामांकन प्रक्रिया: 27 सितंबर से शुरू होगी। नामांकन करने की अंतिम तिथि 4 अक्टूबर होगी। नामांकन सरकारी कामकाज वाले दिन दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक की जा सकेगी। 5 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। जबकि 6 अक्टूबर को नामांकन वापस लिया जा सकता है।

कितने हैं मतदाता

चुनाव में 1,33,97,922 मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर सकें। जिसमें 70,51,722 पुरुष और 63,46,008 महिला मतदाता है।

पोलिंग स्टेशन: 19,110

रोचक पहलू

  • चार पंचायतें हुई कम। 2018 में 13,241 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए थे। जबकि इस बार 13,237 पंचायतों में चुनाव होंगे। चार पंचायतें खत्म कर दी गई है।
  •  पांच साल में साढ़े पांच लाख के करीब मतदाता बढ़े। 2018 में 1.28 करोड़ के करीब मतदाताओं थे। जोकि इस बार बढ़ कर 1,33,97,932 हो गए हैं।
  •  सरपंच के लिए गुलाबी बैलटपेपर होगा और पंच के लिए सफेद।
  • एक ग्राम पंचायत में एक सरपंच होगा है। जबकि पंचों की संख्या अलग-अलग। यानी हरेक बूथ पर मतदाता को दो बैलट पेपर मिलेंगे। एक गुलाबी और एक सफेद।
  • सरपंचों के लिए राज्य चुनाव आयोग ने 38 और पंचों के लिए 70 चुनाव चिन्ह चिन्हित किया है।
  • सरपंच और पंच के चुनाव चिन्ह भी अलग-अलग होंगे। ताकि मतदाता उलझन में न पड़े।

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